Varanasi
News- काशी नगरी में शनिवार को भारतीय सनातनी तिथि के
अनुसार देश का गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस अवसर पर गंगा-तिरंगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ, फिर राष्ट्र नदी गंगा गान, वैदिक
राष्ट्रमन्त्र के बाद विद्यार्थियों ने राष्ट्रध्वज को नमन कर पथ संचलन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वेदांताचार्य श्री
भगवान दास महाराज ने कहा कि जो समाज अपनी परम्परा व संस्कृति से जुड़ कर नहीं चलता, उसका विनाश हो जाता
है।
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परम्परा व संस्कृति से विमुख रहने पर होता
है विनाश
काशी
नगरी में भारतीय सनातनी तिथि के अनुसार देश का
गणतंत्र दिवस मनाया गया। गंगा-तिरंगा महोत्सव पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
स्वामी अखण्डानन्द महाराज के दण्डी संन्यासी शिष्य स्वामी प्रज्ञानानन्द ने कहा कि
ज्योतिष्पीठाधीश्वर सनातनधर्मियों को वैदिक व भारतीय परम्परा संस्कृति के अनुसार
अपना हर त्योहार व पर्व मनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ताकि सनातनधर्मी अपनी जड़
से जुड़े रहें।
इस महोत्सव में विशिष्ट अतिथि वेदांताचार्य श्री
भगवान दास महाराज ने कहा कि जो समाज अपनी परम्परा व संस्कृति से जुड़ कर नहीं चलता, उसका विनाश हो जाता
है।
गौ
माता ही भारत माता हैं – ब्रह्मचारी शिष्य परमात्मानन्द
ब्रह्मचारी शिष्य परमात्मानन्द ने कहा कि शास्त्र
में कहीं भी अलग से भारत माता का वर्णन नहीं आता है। भारत माता कौन है, कैसी दिखती
है, उनका कहीं भी किसी भी प्रकार का वर्णन नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तव में गौ
माता ही भारत माता हैं। गौ कटती रहे और हम ‘भारत माता की जय‘
करें और गणतंत्र दिवस मनाएं यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि
माता के बिना भारत और सनातन धर्म की हम कल्पना ही नहीं कर सकते हैं।
महोत्सव की
अध्यक्षता साध्वी पूर्णाम्बा ने किया। इसके पूर्व कार्यक्रम में
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का
संदेश भी सुनाया गया। इस मौके पर साध्वी शारदाम्बा, आचार्य रंजन शर्मा, आचार्य भूपेन्द्र मिश्रा,आचार्य अभिषेक दुबे,त्रिशूलधारी राकेश पाण्डेय,
संजय पांडेय आदि शामिल रहे।