Varanasi News- काशी
हिन्दू विश्वविद्यालय में ‘काशी शब्दोत्सव’ संगोष्ठी का आयोजन
किया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहप्रचार प्रमुख मनोज कांत
ने कहा कि आज भारत ने दुनिया के सामने वसुधैव कुटुम्बकम का जो सूत्र दिया है,
दुनियाभर
में लोग उसका अनुसरण कर रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में काशी हिन्दू
विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र सभागार में ‘काशी शब्दोत्सव‘ संगोष्ठी
का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस संगोष्ठी के तीसरे और
अन्तिम सत्र ‘विकसित
भारत और विश्वगुरू‘ में मुख्य वक्ता मनोज कांत ने सभा को सम्बोधित
करते हुए कहा कि भारत में संवाद और शास्त्रार्थ की परम्परा रही है। आज अपने स्व और
मूल्य को समझने के साथ काशी को विश्व के कल्याण के लिए कार्य करने की भी आवश्यकता
है।
इस संगोष्ठी की मुख्य अतिथि ऑक्सफोर्ड
विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रश्मि सामन्त रहीं। उन्होंने कहा कि हमारी
विचार धारा को आठवीं शताब्दी से तोड़ने का प्रयास चल रहा है। जिसको हम कभी सफल नहीं
होने देंगे। इसके लिए उन्होंने युवाओं से बौद्धिक विमर्श और भारतीयता को जन-जन तक
पहुंचाने का आह्वान किया है। रश्मि सामंत ने कहा कि बीएचयू एक ऐसा विश्वविद्यालय
है, जहां आज भी भारतीय मूल्य संरक्षित है। इस सत्र को प्रो. भारतेंदु सिंह,प्रो.
अभयकुमार सिंह ने भी संबोधित किया।
संगोष्ठी कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता श्री काशी
विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने कहा कि भारत का भविष्य
उसके अतीत में निहित है। हमारा गौरवशाली अतीत वर्तमान में भटकता प्रतीत हो रहा है।
सनातन परंपरा की हर कथा में नवयुग नेतृत्व की ओर इशारा मिलता है। अपने
गौरवशाली अतीत से सीख कर हम वर्तमान में नए वैज्ञानिक शोध विकसित करें।