संदेशखाली: पीड़ित महिलाओं के बयान सामने आने के बाद सियासी भूचाल मच गया है। टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हैवायित को बयां करते हुए पीड़ित महिलाएं फफक-फफक कर रो पड़ीं। महिलाओं ने बताया कि शाहजहां शेख की संदेशखाली इलाके में तूती बोलती है। वह जब चाहता है और जिसे चाहता है… उस महिला को उठाकर अपने हैवानियत का शिकार बनाता है। लेकिन, हैरान करने वाली बात यह है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी पश्चिम बंगाल पुलिस हैवान शाहजहां शेख को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने बताया कि शाहजहां शेख ने 18 साल की युवती से लेकर 40 वर्षीय महिला तक… किसी को भी नहीं छोड़ा। जो युवती या महिला उसे पसंद आती, वह मीटिंग के बहाने उन्हें टीएमसी कार्यालय बुलाता और कई दिनों तक जबरन वहीं रखकर यौन शोषण करता। इतना ही नहीं, पीड़ित महिलाओं ने बताया कि जिस महिला को शाहजहां शेख बुलाता…अगर वह नहीं जाती तो उसे जबरन उठवा लिया जाता। अगर कोई विरोध करता तो उसे शाहजहां शेख के गुर्गे धमकाते। संदेशखाली में यह सब एक या फिर दो सालों ने नहीं, बल्कि 13 वर्षों से चल रहा था।
जब शाहजहां शेख को ईडी की टीम गिरफ्तार करने पहुंची, तब उसके आतंक से पीड़ित महिलाओं को बल मिला। क्योंकि इसके पहले शिकायत के बावजूद भी उसके खिलाफ स्थानीय पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती थी। पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले स्थित संदेशखाली बांग्लादेश की सीमा से सटा हुए एरिया है। इस पूरे क्षेत्र की पुलिस टीएमसी नेता शाहजहां शेख के दबाव में काम करती थी, यही वजह है कि अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाहजहां शेख पहले ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था। यहीं से उसने मजदूर यूनियन में शामिल होकर राजनीतिक क्षेत्र में काम करना प्रारंभ किया। कुछ दिनों तक वह सीपीआईएम में रहा, फिर 2012 में उसने टीएमसी ज्वाइन कर ली। टीएमसी में शामिल होने के बाद उसका कद बढ़ता चला गया। इसी का फायदा उठा कर शाहजहां जो चाहता वह वही करता।