Varanasi
News- राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष
कार्यक्रम के अन्तर्गत वाराणसी में मोतियाबिंद के 43 हजार से अधिक मरीजों को आंखों की रोशनी मिली है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने
इस बात की जानकारी दी।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों में होने
वाली दृष्टिहीनता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी
के कई कारण हैं, जैसे विटामिन-ए की कमी,
आंखों में इन्फेक्शन,
कुपोषण तथा आंखों मे लगने वाली चोट। बुजुर्गों में मोतियाबिंद
के बारे में उन्होंने बताया कि ये समस्या अधिक देखी जा रही है। सीएओ
ने कहा कि बच्चों व बुजुर्गों के परिजन उनके
स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रखें। नियमित व्यायाम करें,
संतुलित, स्वस्थ व पोषकतत्वों से भरपूर आहार लें। धूम्रपान न करें, गुटखा का इस्तेमाल न करें, तम्बाकू व खैनी
के उपयोग से बचें, क्योंकि ऐसा करने से मनुष्य के तंत्रिका तंत्र पर अनुचित प्रभाव पड़ता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि
राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को इस योजना का
लाभ दिया जा रहा है। अप्रैल 2023 से अब तक 43068 मरीजों का मोतियाबिन्द का ऑपरेशन किया गया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम
से अप्रैल 2023 से अब तक करीब 2800
स्कूली बच्चों को चिन्हित कर उन्हें निःशुल्क चश्मे उपलब्ध
कराए गए हैं। साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिन्हित किए गए
करीब 1800 बुजुर्गों
को निःशुल्क चश्मे उपलब्ध कराए गए हैं। जनपद के तीनों राजकीय चिकित्सालयों डीडीयू, एसएसपीजी व
एलबीएस में चार-चार नेत्र संबंधी चिकित्सक नियमित अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके
अलावा सीएचसी व पीएचसी पर एक-एक नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं।