Prayagraj News- इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा स्थित कटरा केशव देव के नाम दर्ज
जमीन से शाही ईदगाह का अवैध कब्जा हटाने को लेकर सुनवाई चल रही है। जिसमें शाही
ईदगाह का अवैध कब्जा हटाकर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने सहित करीब 18 मांगें
शामिल हैं। इस मामले में आगे की सुनवाई 23 फरवरी यानि आज होगी।
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भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव
व अन्य सहित 18 सिविल वादों की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ कर रही है। सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 के नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष
की तरफ से सिविल वाद की पोषणीयता पर की गई आपत्ति पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की
वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की। आगे की
सुनवाई शुक्रवार को होगी।
मथुरा–कटरा
केशव देव के नाम दर्ज जमीन से शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाकर भगवान
श्रीकृष्ण को विराजमान करने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट
में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस मामले में वरिष्ठ
अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने कहा कि प्लेसेस
ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के अंतर्गत 15 अगस्त 1947 को
किसी भी धार्मिक स्थल की प्रकृति में बदलाव नहीं किया जा सकता। इसको लेकर अदालत को
कोई वाद सुनने का अधिकार नहीं है। इसलिए सिविल वाद निरस्त किए जाय। बहस के दौरान उन्होंने आजादी से पहले दोनों पक्षों के बीच हुए एक समझौते का हवाला दिया।
कहा कि इस
आधार पर सिविल वाद खारिज किया जाय।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस के दौरान उन्होंने
यह भी
कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद वक्फ संपत्ति है। इसे लेकर सिविल अदालत को विवाद की
सुनवाई का अधिकार नहीं है। तकरीबन दो घंटे की लंबी बहस के बाद आगे की सुनवाई
शुक्रवार को होगी। इस मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से किसी ने पक्ष नहीं रखा। अन्य
विपक्षियों की ओर से अधिवक्ता नसीरूज्जमा, हरे राम त्रिपाठी, प्रणय ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता वजाहत हुसैन खान, एम के सिंह ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान शासकीय वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष
गोयल व आकांक्षा शर्मा के अलावा वादी पक्ष के तमाम अधिवक्ता व पक्षकार मौजूद थे।