Varanasi News- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू
में संस्कृत प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया था।
इसको लेकर संस्कृत भाषा के आचार्यों और विद्यानों में हर्ष व्याप्त है। विद्यानों
ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार भी जताया है। उल्लेखनीय है कि पीएम
मोदी 22 व 23 फरवरी को वाराणसी प्रवास पर थे।
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सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने शनिवार को कहा कि बीएचयू में काशी सांसद संस्कृत
प्रतियोगिता के विजेताओं में पुरस्कार वितरित करना उनके संस्कृत के प्रति श्रद्धा
और आस्था का प्रतीक है। भारत विश्व गुरु संस्कृत और सनातन धर्म संस्कृति की बदौलत
ही रहा है। आज पुनः प्रधानमंत्री ने हमारी पुरानी परम्पराओं के प्रति हमारी युवा
पीढ़ी को अवगत कराने का प्रयास किया है।
कुलपति ने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल सार संस्कृत
भाषा है। संस्कृत भाषा ही भारतीय संस्कृति का स्रोत है। संस्कृत भाषा में ही भारत
के सांस्कृतिक विचार, उच्चादर्श, नैतिकमूल्य समाहित हैं। देश के प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद
हैं। उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व में अध्यात्म और भारतीय संस्कृति समाहित है। उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारी देव भाषा है। ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म उत्थान में संस्कृत
भाषा का अभूतपूर्व योगदान है। संस्कृत के प्रति अनुराग ही उनके वसुधैव कुटुम्बकम
की अवधारणा को सिद्ध करती है।
कुलपति ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा
कि संस्कृत भाषा को जन भाषा बनाने की एक पहल है। इसी से हमारे
विचार की समृद्धि होगी और राष्ट्रीयता के साथ पुनः विश्व गुरु की तरफ उन्मुख
होंगे। आज संस्कृत के प्रति जागरूक होकर युवा पीढ़ी इस तरफ जुड़ रही है। इस
शैक्षणिक संस्था से एक संदेश दिया जा रहा है कि संस्कृत भाषा तभी समृद्ध होगी जब
“संस्कृत को राष्ट्र भाषा” घोषित किया जाय। इसी से भारतीयता और
राष्ट्रीयता का प्रवाह होगा तभी हमारी संस्कृति समृद्ध होकर वैश्विक पटल पर स्थापित होगी और
पुनः विश्व गुरु बन सकेंगे।