Kasganj News: महाशिवरात्रि का पर्व आते ही तीर्थ नगरी सोरों क्षेत्र के कादरबाड़ी गाँव में कांवड़ में रखे जाने वाली कांच की गंगाजली तैयार की जाती है। करीब एक दर्जन मुस्लिम परिवार भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले गंगाजल को सहेज कर रखने वाली गंगाजली का निर्माण करने में लग जाते है। इस तैयार की गई गंगाजली महाशिवरात्रि और सावन माह के दौरान विभिन्न तीर्थ स्थलों को भेजी जाती हैं।
गांव के मुस्लिम परिवार लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य को करते चले आ रहे हैं। गंगा और जमुना के बीच स्थित ब्रज क्षेत्र का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शूकर क्षेत्र सोरों विभिन्न उपलब्धियां से परिपूर्ण है। यहां धार्मिक आस्थाओं के अलावा आपसी सद्भाव के बहुत से प्रमाण देखने को मिलते हैं। क्षेत्र में स्थित करीब दो हजार की आबादी वाले गांव कादरबाड़ी में परंपरागत ढंग से गंगाजली का निर्माण किया जाता है।
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यहां करीब एक दर्जन मुस्लिम परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी से गंगाजली बनाते चले आ रहे हैं। विभिन्न प्रकार के नाप की गंगाजली तैयार की जा रही है। इन दिनों यह क्रम लगातार जारी है। गंगाजली को तैयार करने वाले पप्पू का कहना है कि उनके दादा इस कार्य से जुड़े हुए थे। उनकी तीसरी पीढ़ी गंगाजली का निर्माण कर अपने रोजगार का साधन बनाएं हुए हैं।
यहां के निवासी इकबाल का कहना है कि भले ही इस कार्य में मेहनत बहुत है लेकिन उन्हें उसे समय अनुभूति महसूस होती है। जब उनके हाथ से बनी गंगाजली कांवड़ में रखकर श्रद्धालु कांवड़ियें अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं और भगवान शिव पर इसी कांवड़ गंगा जली से जल चढ़ाते हैं। गांव में और भी परिवार इस कार्य को कर रहे हैं। घर की महिलाएं बच्चे भी अपने परिवार के मुखिया का इस कार्य में हाथ बांटते हैं। इसके अलावा इन परिवारों के रोजगार का साधन कृषि कार्य भी है।
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