वाराणसी: लोकसभा सीट पर बेहद दिलचस्प लड़ाई होने वाली है। यहां से पीएम मोदी के खिलाफ एक ‘मुर्दा’ ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले इस शख्स का नाम है। लाल बिहारी का दावा है कि उन्हें सरकारी कागजों में मृतक घोषित कर दिया गया है। लाल बिहारी ‘मृतक’ वही व्यक्ति हैं जिनके जीवन पर आधारित फिल्म कागज बनी है।
लालबिहारी ‘मृतक’ ने मृतक संघ नाम का एक संगठन भी बनाया है। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष वह स्वयं हैं। वह इससे पहले भी कई चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।बिहारी लाल का कहना है कि उन्हें जिंदा रहते हुए सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है। इसी को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट में अपील करते हुए 25 करोड़ के मुआवजा की मांग की थी। काफी दिनों तक मामला कोर्ट में चला। बाद में कोर्ट ने आदेश दिया कि लालबिहारी ने कोर्ट का समय बर्बाद किया है। वह सभी अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके बाद उन पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था।
लेकिन, अब लालबिहारी अब फिर से सुर्खियों में हैं। लाल बिहारी का कहना है कि मृत घोषित लोगों के मौलिक अधिकारों की पहचान के लिए तीन बार लोकसभा चुनाव और कई बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने कहा हमें पता है जिस व्यक्ति के खिलाफ वह चुनाव लड़ रहे हैं, उनसे वह जीतेंगे नहीं। लेकिन, चुनाव प्रचार के दौरान लोग यह तो जान ही जाएंगे कि वह जिंदा हैं।
लाल बिहारी मृतक के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म का नाम ‘कागज’ है। जिसमें उनके जीवन संघर्षों को फिल्माया गया है। उन्होंने 1988 में अभिनेता अमिताभ बच्चन के इस्तीफा देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के खिलाफ इलाहाबाद से चुनाव लड़ा था। बाद में लाल बिहारी मृतक ने 1989 में अमेठी लोकसभा क्षेत्र से राजीव गांधी के खिलाफ भी चुनावी मैदान में उतरे थे।
लालबिहारी मृतक अब तक देश के तीन प्रधानमंत्रियों के खिलाफ चुनावी ताल ठोक चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 2004 में लालगंज सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। 1991, 2002 और 2007 में वह आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायकी का चुनाव भी लड़ चुके हैं।