रांची- नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना से संबंधित प्रकरण में सजा पाए हुए रकीबुल हसन उर्फ रंजीत सिंह कोहली एवं उसकी मां कौसर रानी ने सज़ा के खिलाफ अब झारखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की है। दोनों अपराधियों को सीबीआई कोर्ट ने सज़ा सुनाई थी उसी सजा को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सीबीआई कोर्ट ने रकीबुल हसन को मृत्युपर्यंत आजीवन कारावास की सजा दी थी, साथ ही उसकी मां कौसर रानी को 10 साल की सजा सुनाई थी।
सी.बी.आई. के विशेष न्यायाधीश पी. के. शर्मा की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था। सजा के खिलाफ अपील में रकीबुल हसन की ओर से कहा गया है कि वह शादीशुदा था। ऐसे में उस पर आईपीसी की धारा 376 (2एन) नहीं लग सकता है। जबकि रकीबुल की मां कौसर रानी की ओर से अपील में कहा गया है कि उन्हें आईपीसी की धारा 120 बी सह पठित धारा 376( 2एन) में सजा दी गई है। जब उनपर धारा 376 (2एन) का मुख्य मामला ही नहीं बनता है तो 120 बी यानी षड्यंत्र का मामला भी नहीं बन सकता है। इन दोनों ने अपील दायर कर उच्च न्यायालय से स्वयं को दोष मुक्त करने का आग्रह किया है।
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इस हाई प्रोफाइल मामले में सी.बी.आई. कोर्ट ने मुख्य आरोपी रकीबुल हसन उर्फ रंजीत सिंह कोहली, उसकी मां कौसर रानी एवं मुश्ताक अहमद को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। पूरे प्रकरण में सीबीआई की ओर से 26 गवाह प्रस्तुत किए गए थे। बचाव पक्ष की ओर से चार गवाह प्रस्तुत किए गए थे। उल्लेखनीय है कि मामले में मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल के अलावा हाई कोर्ट का पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) बर्खास्त मुश्ताक अहमद एवं कोहली की मां कौसर रानी ट्रायल फेस कर रहे हैं। इन तीनों के खिलाफ दो जुलाई, 2018 को आरोप तय किए गए थे। सीबीआई ने वर्ष 2015 में केस को अपने हाथों में लिया था। रकीबुल हसन ने रंजीत सिंह कोहली बनकर तारा शाहदेव से 7 जुलाई, 2014 को शादी की थी लेकिन शादी के कुछ माह बाद ही तारा शाहदेव के साथ यौन अपराध एवं धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। इसके बाद तारा शाहदेव ने न्याय की शरण ली थी।
Rakiblu hasan alias Ranjit Singh Kohli and Kausar Rani approached the jharkhand highcourt