यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल कंट्री सेमिनार का आयोजन
भारत में Semiconductor और Artificial Intelligence(AI) की प्रगति पर काम तेज
नए उद्यमों से वाइब्रेंट गुजरात 2024 की थीम ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ सच्चे अर्थों में चरितार्थ होगी
गांधीनगर- वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण के तहत बुधवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में पहले दिन यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) कंट्री सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमिनार में मुंबई में अमेरिका के महावाणिज्य दूत माइक हैंकी ने कहा कि, “आज भारत और अमेरिका के बीच जितने उच्चस्तरीय एवं मित्रतापूर्ण संबंध हैं, ऐसे संबंध मैंने पहले कभी नहीं देखे।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लगातार द्विपक्षीय बैठकें आयोजित हो रही हैं, इसके चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंध और अधिक प्रगाढ़ बने हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार और सामाजिक क्षेत्र में भारत जो करने जा रहा है, वह आने वाले स्वर्णिम काल में दुनिया को दिशा दिखाने में अहम भूमिका निभाएगा।
डिफेंस, स्पेस और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विकास के अलावा दोनों देशों के प्रबुद्ध नागरिकों के बीच के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भारत और अमेरिका की भागीदारी महत्वपूर्ण बनी है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध हैं। अमेरिका अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के हो रहे विकास में भागीदार बनने को उत्सुक है। अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए अमेरिका ने वीजा के नियमों में बदलाव किया है। इसके परिणामस्वरूप अमेरिका में 2.5 लाख से अधिक भारतीय विद्यार्थी पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्ज्वल बना रहे हैं।
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सेमिनार में भारत एवं अमेरिका में संचालित मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे और उन्होंने मौजूदा समय में दोनों देशों के संबंधों के मजबूत होने से शिक्षा, विनिर्माण, स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में आए परिवर्तन की गहराई से चर्चा की। अडानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ अमित सिंह ने रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में कच्छ के खावड़ा में नवीनतम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बन रहे दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के बारे में जानकारी दी। सेमिनार में माइक्रोन इंडिया के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद राममूर्ति ने भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास और देश में उपलब्ध कौशल के माध्यम से भारत की विकास यात्रा के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत की सेमीकंडक्टर एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में प्रगति के जरिए वाइब्रेंट गुजरात 2024 की थीम ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ सच्चे अर्थों में चरितार्थ होगी।
निकट भविष्य में गुजरात के सेमीकंडक्टर उत्पादन के हब के रूप में उभरने की प्रबल संभावनाएं देखी जा रही हैं। गुजरात सरकार के रणनीतिक लक्ष्य को इस सेमिनार में भली-भांति उजागर किया गया। इस सेमिनार में यूएसआईबीसी के प्रबंध निदेशक एलेक्जेंडर स्लेटर ने स्वागत भाषण में भारत एवं अमेरिका के बीच विकसित हो रहे संबंधों के बारे में लोगों को जानकारी दी। डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज के निदेशक दिनेश रेड्डी मुसुकुला, यूएससी मार्शल रेंडल आर. केन्ड्रिक, ग्लोबल सप्लाई चेन इंस्टीट्यूट के संस्थापक कार्यकारी निदेशक डॉ निक व्यास एवं टेक महिन्द्रा की चीफ स्ट्रेटेजिक ऑफिस की ओर से जगदीश मित्रा शामिल हुए। सेमिनार का संचालन यूएसआईबीसी की उप प्रबंध निदेशक रूपा मित्रा ने किया।
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