देश की राष्ट्रीयता के प्राण तत्व महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर वाराणसी में नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया। इस अवसर पर नमामि गंगे की टीम ने दशाश्वमेध घाट पर उन्हें नमन कर श्रद्धासुमन अर्पित किए और हर्षोल्लास के साथ उनका जन्मदिवस मनाया।
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नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने गंगा घाट पर मौजूद लोगों को गंगा निर्मलीकरण का संकल्प लेकर शपथ दिलाई। इस दौरान नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा आंदोलन की पहली मशाल महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने जलाई थी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में देश भर की नदियों को जोड़कर सिंचाई से लेकर बाढ़ तक की समस्या से निपटने का सपना देखा गया।
उन्होंने कहा कि नदी जोड़ो योजना में गंगा सहित 60 नदियों को जोड़ने की योजना थी। अटल जी का मकसद ये था कि इससे कृषि योग्य लाखों हेक्टेयर भूमि की मॉनसून पर निर्भरता कम हो जाएगी। हम सभी को इन दोनों महापुरुषों का जन्मदिवस गंगा निर्मलीकरण एवं अविरलता के लक्ष्य को निर्धारित करके मनाना चाहिए।