Lucknow News: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की प्रस्तावित सेमीकंडक्टर नीति 2024 पर आधारित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। सीएम योगी ने कहा कि उद्योगों में आधुनिक प्रगति, स्मार्टफोन, कम्प्यूटर और चिकित्सा उपकरणों में दक्षता विस्तार के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वपूर्ण है।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं क्वांटम कम्प्यूटिंग में नवाचार को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक सुदृढ़ सेमीकंडक्टर विनिर्माण ईकोसिस्टम की स्थापना आवश्यक है, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि और नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करने के साथ देश और प्रदेश की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए जरूरी है।
उत्तर प्रदेश के अंदर मौजूद दो ITI सहित सभी टेक्निकल इंस्टिट्यूट में युवाओं को सेमीकंडक्टर निर्माण की ट्रेनिंग दी जाए। सीएम इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत युवाओं के लिए 2 वर्षीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
चिप डिजाइन उद्यमों तथा स्टार्टअप को लक्षित करने पर ध्यान देने के साथ राज्य के अंदर एक सहायक फैबलेस इकोसिस्टम का विकास किया जाए।
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कुशल प्रतिभाओं का पुल बनाने के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सम्बन्ध स्थापित किया जाए। सीएम ने कहा कि सेमीकंडक्टर चिप सेक्टर बनने के बाद पिछले 02 वर्षों में 500 बिलियन डॉलर से अधिक निवेश करने की घोषणा की है। विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों ने फैब इकाइयों के स्थापना की घोषणा की है।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय दिए जाने का निर्णय लिया गया है। सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के लिए फैब इकाइयां, मिश्रित सेमीकंडक्टर, आउटसोर्स सेमीकंडक्टर, असेंबली और टेस्ट इकाइयों, परीक्षण और पैकेजिंग इकाइयों का होना बेहतर इकोसिस्टम बनाता है। हमें भी ऐसा परिवेश तैयार करना होगा।
भारत सरकार सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेवाओं जैसे सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश सरकार को इस संबंध में अपनी आकर्षक नीति घोषित करनी चाहिए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान इस सेक्टर के संबंध में उत्साहजनक प्रस्ताव देखने को मिले हैं। हमें इन अवसरों का लाभ लेना चाहिए।
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सीएम योगी ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति के अंतर्गत वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन संवितरण का प्रावधान होना चाहिए। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश में चौथा राज्य होगा। नई नीति में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजीगत उपादान पर अतिरिक्त पूंजी उपादान भी दिया जाना चाहिए।
साथ ही भूमि की खरीद, पट्टे पर पर स्टाम्प शुल्क में छूट का प्रावधान भी हो। इसी प्रकार, विद्युत शुल्क में छूट, नेट S-GST प्रतिपूर्ति, दोहरी पावर ग्रिड नेटवर्क ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क, कौशल विकास प्रशिक्षण, पेटेंट, जलापूर्ति, पॉवर बैकिंग तथा अनुसंधान एवं विकास सहायता के लिए नीति में स्पष्ट प्रावधान किए जाएं।
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