प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार 9 अप्रैल को तमिलनाडु ड्रग्स मामले में चेन्नई समेत कई जगहों पर छापा मारा। ED की तरफ से ये कार्रवाई पूर्व डीएमके नेता जफर सादिक से जुड़े ड्रग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है। जानकारी के अनुसार, ED की टीम ने चेन्नई के अलावा मदुरै और तिरुचिरापल्ली में करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है।
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2000 करोड़ की ड्रग्स बरामद होने के बाद हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि 2000 करोड़ की ड्रग्स बरामद होने के बाद एनसीबी ने जफर सादिक को गिरफ्तार किया था। अभी वह जांच एजेंसी की हिरासत में है। जफर सादिक तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके से भी जुड़ा था, लेकिन मार्च में पार्टी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया था। जफर तमिल फिल्मों का प्रोड्यूसर भी है। ड्रग्स सिंडीकेट मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करते हुए जांच एजेंसी फिलहाल कार्रवाई कर रही है।
जफर के ठिकानों के अलावा अन्य लोगों के घरों पर भी हुई तलाशी
जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी ने जफर सादिक के ठिकानों के अलावा कुछ अन्य लोगों के घरों की भी तलाशी ली है। जफर को पिछले महीने एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। जफर पर 3,500 किलो ड्रग्स की तस्करी के मामले में जुड़े होने का आरोप है। इस ड्रग्स की कीमत 2000 करोड़ रुपये बताई जाती है। ईडी ने एनसीबी के केस और कुछ अन्य एफआईआर के आधार पर जफर और अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
जफर सादिक पर हैं ये आरोप
इस मामले में एनसीबी का कहना है कि जफर सादिक के तमिल और हिंदी फिल्म फाइनेंसरों के साथ रिश्ते हैं। इसमें से कुछ लोग हाई-प्रोफाइल हैं। जांच एजेंसी को ड्रग्स के पैसे से राजनीतिक फंडिंग का भी शक है। एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर (ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह ने पिछले महीने जफर सादिक की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि वो भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का सरगना है। उन्होंने बताया था कि जफर ने एक ऐसे नेटवर्क को तैयार किया था, जहां भारत में ड्रग्स तैयार की जाती थी। इसके बाद कार्गो में भरकर उन्हें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया जैसे देशों में भेजा जाता था। ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया था कि जफर के जरिए ऑपरेट होने वाले ड्रग सिंडिकेट ने पिछले 3 सालों में अलग-अलग देशों में ड्रग्स की लगभग 45 खेप पहुंचाई है।