कासगंज: पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विष उगला है। कासगंज पहुंचे सपा नेता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार ने गोली चलाकर सही निर्णय लिया था। स्वामी प्रसाद ने कहा कि संविधान और कानून की रक्षा के लिए गोली चलवाई गई थी।
स्वामी प्रसाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने कारसेवकों को अराजक तत्व घोषित करते हुए कहा कि जिस समय अयोध्या में घटना घटी थी, वहां पर बिना किसी न्यायपालिका और प्रशासनिक आदेश के बड़े पैमाने पर अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ कर दी थी। इसीलिए सरकार ने गोली चलाने का निर्णय लेकर अपना दायित्व निभाया। जिससे अमन चैन बना रहे।
बता दें कि 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान लाखों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे। उस समय के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा दिया था। तब मुलायम सिंह ने कहा था कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। मुलायम सिंह के इस बयान के बाद कारसेवकों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। कारसेवक जय श्रीराम के नारे लगाते हुए राम जन्मभूमि की तरफ बढ़ रहे थे।
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आक्रोशित कारसेवक विवादित बाबरी मस्जिद के डेढ़ किलोमीटर के दायरे में लगी बैरिकेडिंग को तोड़कर वहां पहुंच गए। कारसेवकों के जुनून को देखते हुए उस समय के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने गोली चलाने का आदेश दिया था। जिसमे सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 5 कारसेवकों की मौत हो गई थी। साथ ही बड़ी संख्या में कारसेवक घायल भी हुए थे। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोगों का मानना है कि इस गोलीकांड में बड़ी संख्या में कारसेवकों की मौत हुई थी तथा हजारों की संख्या में लोग घायल भी हुए थे।