New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें केजरीवाल को दिल्ली के CM पद से हटाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने का निर्देश देने की मांग करने वाली एक अन्य जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में पेश दलीलों के आधार पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है।
कोर्ट ने पहले भी ऐसी ही एक याचिका खारिज कर दी थी। जिस पर कोर्ट का कहना था कि इसमें न्यायिक हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि ये याचिका पहले ही वापस ले लेनी चाहिए थी। क्योंकि ऐसी ही एक याचिका सुरजीत सिंह यादव की ओर से दाखिल की गई थी। जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
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बता दें कि हिंदू सेना नामक संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी। हालांकि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि यह केजरीवाल का निजी फैसला होगा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है या नहीं।
हालांकि, हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस मामले पर निर्णय नहीं ले सकता है। इस मुद्दे पर निर्णय लेना दिल्ली के उप-राज्यपाल, भारत के राष्ट्रपति पर निर्भर है। कोर्ट ने आगे कहा कि उन्हें हमारी सलाह की जरूरत नहीं है। एलजी कानून के अनुसार ही काम करेंगे। याचिका दाखिल करने वाले विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में कहा कि अब वो इस याचिका को वापस लेना चाहते हैं।
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