हल्द्वानी: गुरुवार को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में अवैध मदरसे को ध्वस्त करने पहुंची नगर निगम टीम पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी प्रारंभ कर दी। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा थी। हिंसा इतनी भयानक दी कि इसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मियों घायल हो गए। आशंका जताई जा रही है कि घायलों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है।
मामले पर नैनीताल की डीएम वन्दना सिंह ने जानकारी दी है कि ‘उपद्रव की योजना पूर्व में बनाई गई थी.. कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा, उस दिन सुरक्षा बलों पर हमला करना है। सुरक्षा बलों ने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया। लेकिन उपद्रवियों का जो दूसरा जत्था आया उसके पास पेट्रोल से भरी बोतलें थीं, उसमें उपद्रवियों ने उन बोलतों में आग लाग कर फेंकी। तब तक सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग नहीं किया था।
कानूनी प्रक्रिया के तहत चल रहा था अतिक्रमण हटाओ अभियान-DM
डीएम वन्दना सिंह ने बताया कि ‘हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया। क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था। विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इसी कड़ी में यहां भी ऐसा किया गया। डीएम ने बताया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।
उपद्रवियों ने थाने को जलाया-DM
जिला अधिकारी वन्दना सिंह ने बताया कि उपद्रवियों ने थाने को घेर लिया और अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा। पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास था-DM
परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया है। डीएम ने कहा कि उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था।