Gyanvapi ASI Report: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर ASI ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में साफ हो गया है कि आज जहां ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है, वहां पहले से ही पुराना मंदिर मौजूद था। उसी के अवशेषों पर मस्जिद का निर्माण किया गया। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को ASI की रिपोर्ट के हवाले से इस बात की पुष्टि की है।
839 पन्नों की ASI रिपोर्ट-
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ASI की 839 पन्नों वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट मिली है। जिसकी कॉपी गुरुवार को देर शाम अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि मस्जिद पूर्व में मौजूद मंदिर को तोड़कर उसके अवशेषों पर बनाई गई थी।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात भी कही गई है। जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि कथित प्राचीन मंदिर में देवनागरी, तेलुगु और अन्य भाषा लिपियों में लगभग 3 दर्जन शिलालेख भी ASI को मिले हैं। विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि सर्वेक्षण के दौरान, मौजूदा और पहले से मौजूद संरचना पर कई शिलालेख देखे गए।
वर्तमान सर्वेक्षण में कुल 34 शिलालेख दर्ज किए गए। साथ ही 32 मुद्रांकित पृष्ठ लिए गए।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों सहित कुल 11 लोगों ने कोर्ट में आवेदन किया था। जिसके बाद यह रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
जानिए सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें-
– ASI ने 839 पन्ने की रिपोर्ट प्रस्तुत की है जो यह बताती है कि मस्जिद से पहले वहां हिंदू मंदिर था।
– देवनागरी, ग्रंथा, तेलुगु, कन्नड़ में लिखे पुरालेख मिले हैं।
– जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के बारे में पुरालेख मिले हैं।
– ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का हिस्सा थी, उसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
– सर्वे में जो पुरालेख मिले हैं, उनमें तीन नामों का जिक्र प्रमुखता से है- जनार्दन, रूद्र, उमेश्वर।
– एक जगह महामुक्ति मंडप लिखा है, जो ASI के मुताबिक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है।
मंदिर ढहाए जाने के बाद उसके स्तंभों का इस्तेमाल मस्जिद बनाने में किया गया।
तहखाना S2 में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां थीं।
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