Mirzapur news: हम बात कर रहे छात्रों के भविष्य की, जिसके पीछे एक शिक्षक का बड़ा हाथ होता है, लेकिन जब शिक्षक ही पथभ्रष्ट हो तो स्कूली बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल हो सकता है।एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से सामने आया है, जहां विद्यालय में हुए चोरी मामले को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिसके चलते अध्यापकों में हंगामा मच गया।
दरअसल, ये मामला मिर्जापुर के संतनगर के अमोई पुरवा का है, जहां कंपोजिट विद्यालय में बच्चों का भविष्य बनाने आए गुरुजी खुद ही चोरी के आरोप में सलाखों के पीछे जा पहुंचे। बता दें कि सहायक अध्यापक सूर्यकांत तिवारी और प्रधानाचार्य श्याम बहादुर यादव ने मिलकर चोरी का षडयंत्र रचा था, जिसके बाद इन दोनों ने कंपोजिट विद्यालय कक्ष का ताला तोड़कर खाद्यान्न की चोरी की और इस घटना को अंजाम दिया। तो वहीं खुद को बचाने के लिए थाने जाकर उल्टा पुलिस को तहरीर तक दे डाली।
गिरफ्तार आरोपी
पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी पाए गए सहायक अध्यापक और प्रधानाचार्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई, जिसके आधार पर गिरफ्तार कर इन्हें जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से कुछ सामान भी बरामद किये गए हैं।
शिक्षामित्र की सेवा हुई समाप्त
जानकारी के अनुसार, इस मामले की भनक लगते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे। और प्रधानाचार्य समेत आरोपी अध्यापक को फौरन निलंबित कर दिया। साथ ही इस रवैये को संज्ञान में न लाने को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की। इतना ही नहीं, बल्कि शिक्षा मित्र सुषमा की संविदा समाप्त करने के लिए ग्राम शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंध समिति से प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा।
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