Lucknow News: सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान सीएम योगी ने प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करने और इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने सहित कई प्रमुख विषयों पर दिशा-निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे इको टूरिज्म के स्थलों पर सुगम आवागमन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करें।
सीएम योगी ने कहा कि महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर उन्हें नियोजित करने, सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था विकसित कर टूरिज्म का माहौल बनाने पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा पशु-पक्षियों का संरक्षण हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्रदेश में प्रत्येक वर्ष एक बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। इनकी सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। इन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं की जाएगी।
गंगा की निर्मल धारा के विकास एवं उनके संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों से डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार, घाघरा, चंबल, सरयू, गेरुआ आदि अन्य नदियों में भी पाई जाने वाली डॉल्फिन व अन्य जीवों को संरक्षण देने के साथ उनके संवर्धन का प्रयास किया जाए। इसके लिए वहा के स्थानीय लोगों को जागरूक कर डॉल्फिन मित्र बनाया जाए। भारत सरकार से भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग लिया जा सकता है। सीएम ने निर्देश दिया कि नदियों में बढ़ती बाढ़ की समस्या के दृष्टिगत उनकी ड्रेजिंग को सतत जारी रखा जाए।
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इससे गांवों के कटान में कमी आएगी, साथ ही वनों एवं वन्य जीव की सुरक्षा की जा सकेगी। साथ ही आय में वृद्धि भी होगी। वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर बनाया जाए। इन चिकित्सकों का कार्य बड़ा महत्वपूर्ण है। कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में भारतीय सेल्युलर कंपनियों के नेटवर्क कवरेज की समस्या संज्ञान में आई है। ऐसा देखा जा रहा है कि इन क्षेत्रों में नेपाली संचार कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क आ रहे हैं।
जिसके चलते इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग, जनपद महराजगंज इतिहास के अनेक रहस्यों को अपने अंदर संजोए हुए हैं। इस क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम धरमौली में सोनारी वन भूमि पर पुरातात्विक उत्खनन कार्य कराया जाना चाहिए। एएसआई भी इसके लिए इच्छुक है। ऐसे में नियमानुसार राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति से अनापत्ति वन्य जीव क्लीयरेन्स हेतु प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें।
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