बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में शिवजी का प्राचीन परशुरामेश्वर महादेव मंदिर है। इस पौराणिक
परशुरामेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार एवं परशुरामेश्वर महादेव मंदिर को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किए जाने के लिए 44 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।
जिलाधिकारी ने मंदिर कमेटी की बैठक कर इस प्रस्ताव को शासन के पास भेजा है।
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श्री परशुरामेश्वर महादेव मंदिर पर पूरे
वर्ष में दो बार फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि और श्रावण मास की महाशिवरात्रि पर
ऐतिहासिक मेला लगाया जाता है। यहां काफी संख्या में श्रद्धालु कांवड़िए हरिद्वार
पैदल चलकर पवित्र गंगाजल लेकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। यही कारण है कि
पुरामहादेव को तीर्थ स्थल घोषित किया गया है। सोमवार को जिलाधिकारी जितेंद्र
प्रताप सिंह ने मंदिर के विस्तार को लेकर मंदिर कमेटी के साथ चर्चा की।
कलेक्ट्रेट सभागार में मंदिर समिति के
समक्ष पर्यटन विभाग द्वारा योजना तैयार की गई और साथ ही इस कार्य की योजना का
प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें जिलाधिकारी ने कार्य योजना में कुछ बदलाव करने के
निर्देश दिए। यह परियोजना 44 करोड़ रुपये की धनराशि से तैयार की जाएगी। जिसे
पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। जिससे यहां पर दूर-दराज से श्रद्धालु पुरामहादेव
मंदिर के दर्शन करने आएंगे। दर्शनार्थियों के लिए परशुरामेश्वर महादेव मंदिर एक
प्राचीनतम व ऐतिहासिक मंदिर है। जिसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के
लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है।
इसी कारण मंदिर को तीर्थस्थल के रूप में
विकसित कराए जाने के लिए 44 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पर्यटन विभाग द्वारा शासन को
भेजा जाएगा। जिससे 1.25 हेक्टेयर क्षेत्रफल के मंदिर परिसर को तीर्थस्थल के रूप में विकसित
किया जाएगा। मंदिर की भव्यता और दिव्यता व प्राचीनतम ऐतिहासिक स्थल को देखने के
लिए दर्शनार्थी दूर-दराज क्षेत्रों से बागपत जनपद में आएंगे। जिससे जनपद को एक
तीर्थ-स्थल के रूप में भी अलग पहचान मिलेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी
नीरज कुमार श्रीवास्तव, पर्यटन उपनिदेशक प्रीति, मुख्य पुजारी जय भगवान शर्मा, मंदिर समिति के
अध्यक्ष अरुण शर्मा व सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।