Delhi news: 22 जनवरी को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्रभु श्री राम के स्वागत के लिए अयोध्या नगरी दुल्हन जैसी सजने लगी है। इस कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे। आइए जानते है कि मंदिर उद्घाटन में राजनीतिक पार्टियों से किन नेताओं की एंट्री होगी और किसकी नहीं।
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने 19 दिसंबर 2023 को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को श्री रामलला के समारोह में शामिल होने का न्योता दिया था। जहां लाल कृष्ण ने कहा कि ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है, ऐसा अवसर भला कौन छोड़ेगा, जरूर आऊंगा, क्योंकि श्री राम लला का मंदिर सिर्फ पूजा की दृष्टि से नहीं बल्कि, अपने आराध्य का मंदिर है।
जानकारी के अनुसार, बीती 10 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने साफ इंकार कर दिया, उनका कहना है कि ये कार्यक्रम BJP और RSS का है। उन्होंने मंदिर उद्घाटन को अपना इवेंट बना लिया है। बता दें कि I.N.D.I. A की 5 पार्टियां कांग्रेस, सपा, टीएमसी, CPI और शिवसेना प्राण प्रतिष्ठा में जाने से मना कर चुकी हैं।
इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मैं ऐसे उत्सव में विश्वास नहीं करती, जो कुछ समुदाय के लोगों को ही साथ लेकर चलते हैं इसके बाद भी वे एकता की बात करते हैं। भाजपा इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को न्यायालय के निर्देश पर कर रही है।
CPI (M) के नेता सीताराम येचुरी दिसंबर 2023 में ही इस समारोह में आने से इनकार कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और RSS ने इस समारोह को सरकारी कार्यक्रम बना दिया है। तभी तो इस समारोह में प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री के साथ कई अन्य सरकारी पदाधिकारी ही शामिल हो रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद यानी VHP के नेता आलोक कुमार सपा अखिलेश यादव के घर निमंत्रण देने पहुंचे थे, लेकिन अखिलेश यादव ने कहा मैं ऐसा न्योता स्वीकार नहीं कर सकता, क्योंकि मैं आलोक कुमार को जानता तक नहीं हूं, वहीं समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने कहा कि अगर उन्हें बुलाया जाएगा तो वे जरूर जाएंगी।
इस कार्यक्रम का न्योता सभी राजनीतिक पार्टियों के पास पहुंचने के बाद भी अभी तक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक नहीं पहुंचा है। जिसके बाद भी वे नासिक के कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर महाआरती में शामिल होंगे। इधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी मंदिर उद्घाटन का अभी तक कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें कुछ दिन पहले एक पत्र मिला था जिसमें लिखा था कि 22 जनवरी को वह अपना कोई कार्यक्रम न रखें।
कार्यक्रम में करीब 25 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान
अयोध्या में 22 जनवरी को 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस समरोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 लोग शामिल रहेंगे। जिनमें 4000 संतों के संग करीब 2200 मेहमानों की लिस्ट बनाई गई है। तो वहीं 6 दर्शनों के शंकराचार्य और करीब 150 साधु-संत भी उपस्थित होंगे। कुल मिलाकर आयोजन में 25 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान जताया जा रहा है। मंदिर के पदाधिकारियों की मानें तो अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर 7 दिनों तक चलेगा।
पढ़ें कार्यक्रम की ये सूची
16 जनवरी: मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत करेंगे। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।
17 जनवरी: 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचेगा। जिसके बाद श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर आएंगे।
18 जनवरी: गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान की शुरूआत की जाएगी।
19 जनवरी: पवित्र अग्नि जलाई जाएगी। इसके बाद नवग्रह की स्थापना और हवन-पूजन किया जाएगा।
20 जनवरी: राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा।
21 जनवरी: रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा।
22 जनवरी: सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था रहेगी चाक-चौबंद
उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में
प्रधानमंत्री समेत देश के कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी। इसी को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं और साथ ही रिहर्सल के जरिए इन व्यवस्थाओं को भी परखा जाएगा।