नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि भारत हर संभव सहायता नेपाल को देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
एक पखवाड़े में दो बार आया भूचाल
बीती 22 अक्टूबर को नेपाल में पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहला भूकंप नेपाल के धाडिंग में सुबह 7:39 बजे 6.1 तीव्रता का तेज भूकंप आया था। उसके बाद 29 मिनट के अंदर चार झटके महसूस किए गए। भूकंप केंद्र के अनुसार, सुबह 8.08 बजे 4.3 तीव्रता का झटका आया, इसके बाद 8.28 बजे 4.3 तीव्रता और 8.59 बजे 4.1 तीव्रता का झटका लगा। पांचवां भूकंप शाम को 5.18 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। इससे पहले, नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 12000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी। इसमें करीब 5 लाख मकानों को नुकसान पहुंचा था।
दिल्ली, एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकम्प के झटके
दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं (Earthquake of 6.4 magnitude in Delhi-NCR) दिल्ली के साथ यूपी-बिहार में भी भूकंप आया है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार में लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आये। हालांकि अभी तक कहीं से किसी भी तरह से जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। लोगों का कहना है कि जब वे सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक पंखे हिलने के साथ ही उन्हें भूकंप के झटके महसूस हुए। करीब एक मिनट तक तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक देर रात 11:32 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल में था और गहराई जमीन के नीचे 10 किमी. थी। इससे पहले 22 अक्टूबर को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 6.1 थी।
राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तरप्रदेश में डोली धरती
यूपी में राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी सहित कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि अभी तक भूकंप की तीव्रता का पता नहीं चला है। गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने बताया कि भूकंप के झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस किए गए। जबकि लखनऊ में भूकम्प ने 45 सेकेंड तक लोगों की सांसें रोके रखीं। इन 45 सेकेंडों में कभी धरती तेजी से हिली तो कभी तीव्रता कुछ कम हुई। मल्टीस्टोरी इमारतों में रहने वालों ने ये झटके ज्यादा तेज़ी से महसूस किए।
भूकंप क्यों आता है
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
PM Modi Nepal earthquake condolences