अजमेर दरगाह के मौलवी सैय्यद हुसैन गौहर चिश्ती को सुप्रीम कोर्ट (SC) से झटका लगा है। मौलवी ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ करने का नारा लगाया था। इस मामले में मौलाना सैय्यद हुसैन गौहर चिश्ती पर आपत्तिजनक नारे लगाने के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में दर्ज मामले में मंगलवार को सुनवाई के दौरान SC ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
बता दें, अजमेर दरगाह के मौलवी सैय्यद हुसैन गौहर चिश्ती ने पिछले वर्ष भाजपा की प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के खिलाफ दरगाह परिसर में लोगों से ‘सिर तन से जुदा’ नारा लगाने के लिए कहा था। ये नूपुर शर्मा के एक टीवी शो में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद हुआ था।
SC ने 6 माह में सुनवाई पूरी करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट SC में इस मामले की सुनवाई करने के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने आरोपी मौलवी और राजस्थान सरकार की दलीलों पर ध्यान दिया और जमानत याचिका खारिज कर दी। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिंघवी ने किया। जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने निचली अदालत से सुनवाई में तेजी लाने और छह महीने में सुनवाई पूरी करने को कहा है।
लंबे समय बाद दिखीं नूपुर शर्मा
टीवी चैनल पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा से निष्काषित होने के बाद नूपुर शर्मा लंबे समय बाद एक कार्यक्रम में दिखीं। बताया गया है कि बीते सप्ताह नूपुर दिल्ली में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ के प्रमोशन इवेंट में पहुंची थीं। इस मौके पर उन्होंने वैज्ञानिकों को कोविड के दौरान भारतीय टीके तैयार करने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद भी कहा। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं। यह आपके प्रयासों का ही परिणाम है कि हम भारतीय आज जीवित हैं। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों को उन्हें बुलाने के लिए भी धन्यवाद दिया। साथ ही भारत माता की जय के नारे लगाए।
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