जबरदस्त तरीके से मीडिया और लोगों के बीच भाजपा सरकार के शीर्ष नेतृत्व का बखान कर महाठग बना अनूप चौधरी मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने महाठग के खिलाफ अब मुकदमा कायम कर लिया है। अनूप चौधरी के खिलाफ गाजियाबाद में भी एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा गाजियाबाद कमिश्नरेट में तैनात VVIP सेल प्रभारी मयंक अरोड़ा ने कवि नगर थाने में दर्ज कराया है। उस पर पुलिस ने फर्जी मेल करके गनर हासिल करने का आरोप लगाया है।
बता दें महाठग अनूप चौधरी पर कई प्रदेशों में मुकदमे दर्ज हैं। उत्तराखंड सरकार ने उसे 15 हजार रुपये का इनामी भी घोषित किया है। इसके बावजूद भी ठग गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस को बेवकूफ बनाकर सरकारी सुरक्षा हासिल करता रहा। इस महाठग की गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट और गाजियाबाद प्रशासन पर लापरवाही की तलवार लटक गई है।
फर्जी लेटर पैड बनाकर 7 बार सरकारी गनर हासिल किए
VVIP सेल प्रभारी ने FIR में बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी तहरीर में कहा है कि ‘अनूप चौधरी ने फर्जी लेटर पैड बनाकर गलत पदनाम से वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक कुल 7 बार सरकारी गनर प्राप्त करने के लिए अपनी फर्जी ईमेल ID से जिलाधिकारी गाजियाबाद को एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक SSP गाजियाबाद को ईमेल पत्र दिया है। साथ ही लेटर पैड पर अपने आप को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा एवं प्रदेश प्रभारी महाराष्ट्र राज्य पूर्व केंद्रीय सलाहकार सदस्य फिल्म सेंसर बोर्ड, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार व पूर्व सदस्य फिल्म विकास परिषद उत्तर प्रदेश सरकार दर्शाता है। इस प्रकार अनूप चौधरी ने 7 बार गाजियाबाद जिले से सरकारी गनर प्राप्त किया।
खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताता था महाठग
उन्होंने बताया कि अनूप चौधरी अपने आप को रेल मंत्रालय भारत सरकार और भारत सरकार के फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल करता था व ईमेल भेजकर गनर प्राप्त करता था। अनूप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद यह मामला उजागर हुआ। महाठग अनूप चौधरी अपने फर्जी रसूख के दम पर सरकारी गनर लेकर चलता था। खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताता था। हर जगह वीपीआईपी प्रोटोकॉल हासिल करता था। यहां तक वह कई चैनलों पर जाकर राजनीतिक इंटरव्यू भी देता था। जबकि उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इस पर रंगदारी मांगने का आरोप है। वहीं उत्तराखंड पुलिस ने उसके ऊपर 15 हजार रुपये का इनाम भी रखा हुआ है।
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