Sitapur News: राजा महमूदाबाद मोहम्मद अमीर खान (80) का मंगलवार देर रात लम्बी बीमारी के चलते निधन हो गया। मोहम्मद अमीर खान महमूदाबाद विधानसभा से वर्ष 1985 और 1989 में कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रहे हैं। राजा महमूदाबाद के निधन से चाहने वालों में शोक का माहौल है। अक्तूबर 2006 में हुए सरकारी आकलन के अनुसार राजा महमूदाबाद मोहम्मद की संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपये थी।
राजा महमूदाबाद की कुल दौलत
राजा महमूदाबाद लखनऊ में बटलर पैलेस, महमूदाबाद मेंशन, हलवासिया मॉर्केट, लारी बिल्डिंग, मलका जमानिया, गोलागंज के मालिक थे। सीतापुर में एसपी आवास, डीएम आवास, सीएमओ आवास भी इनके कब्जे में है। वहीं महमूदाबाद, सहजनी, पैतेपुर, सेमरा, गुलारमऊ, केदारपुर, चंदनपुर, रसूलाबाद, सिकंदराबाद, सरैया राजा में बागवानी व अन्य जमीनें हैं। लखीमपुर खीरी में एसपी बंगला और गढ़ी इब्राहीमपुर, रसूलपुर, जलालपुर और पिपरझला आदि में कई संपत्तियां हैं। बाराबंकी में अल्लापुर, रानीमऊ, बघौली, सुरजनपुर और गौर गजनी समेत कई गांवों में जमीनें हैं। राजा महमूदाबाद और उनके परिजनों की ईराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी संपत्तियां हैं। उत्तराखंड में उनकी कुल 396 संपत्तियां है। अक्तूबर 2006 में हुए सरकारी आकलन के अनुसार संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपये थी।
तीन जिलों में 422 हेक्टेअर जमीन सील
राजा मोहम्मद अमीर खान और परिवारीजनों की जमीनें बाराबंकी, सीतापुर और लखीमपुर में थी। हाईकोर्ट की गाइडलाइंस के आधार पर एडीएम प्रशासन की कोर्ट में जोत सीमारोपण अधिनियम 1960 के अंतर्गत सरकार बनाम राजा मोहम्मद अमीर खान के मुकदमे की सुनवाई साल 2007 से चल रही थी। जिस मामले में दिसंबर 2020 को एडीएम प्रशासन ने मुकदमा निस्तारित कर 422.005 हेक्टेअर भूमि की सीलिंग का फैसला सुनाया था। जिसके तहत तीनों जिलों में मौजूद 422 हेक्टेअर जमीन सरकारी कब्जे में लेनी थी। इसके लिए एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने सीतापुर, बाराबंकी और लखीमपुर खीरी जिलों के डीएम को निर्देश जारी किए थे। आपको बता दे जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद साल 1961 में सीलिंग एक्ट लागू किया गया था। यह कानून बनने के बाद एक परिवार को 15 एकड़ से ज्यादा सिंचित भूमि रखने का अधिकार नहीं है।
कुल 233 गांवों में जब्त होगी जमीन
सीतापुर के 182 गांवों में कुल 388.391 हेक्टेअर जमीन जब्त होनी थी। जिसकी कीमत करीब 388 करोड़ रुपये थी।
लखीमपुर खीरी के 31 गांवों में 10.659 हेक्टेअर जमीन सरकारी कब्जे में आनी थी। जिसकी कीमत करीब 11 करोड़ थी।
बाराबंकी के 20 गांवों में 23.045 हेक्टेअर जमीन जिला प्रशासन के कब्जे में आनी थी। जिसकी कीमत करीब 23 करोड़ थी।
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संपत्तियां कस्टोडियन में चली गईं
महमूदाबाद के राजा मोहम्मद आमिर अहमद खान भारत के विभाजन के समय इराक में थे। जिसके बाद उन्होंने साल 1957 में भारतीय नागरिकता भी छोड़ दी थी। उनके कुछ परिवारीजन भारत में रहे और बाकी राजा के साथ पाकिस्तान चले गए थे। रक्षा अधिनियम-1962 के तहत सरकार ने पाकिस्तान गए लोगों की संपत्तियों को अपने संरक्षण में लेकर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। राजा के बेटे मोहम्मद आमिर खान ने साल 1973 में संपत्तियों पर दावा पेश किया और मुकदमा किया था। सरकार ने 2010 में शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन किया, तो राजा की सभी संपत्तियां कस्टोडियन में चली गईं। सात जनवरी 2016 को नया अध्यादेश आने पर सुप्रीम कोर्ट ने शत्रु संपत्तियों को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था।