Shri Ram Janmabhoomi Temple: शामली देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने अगले वर्ष अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी और मुस्लिम नेताओं द्वारा प्रस्तावित मस्जिद की नींव रखने के लिए प्रधानमंत्री से अपील करने पर आपत्ति जताई है।
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शुक्रवार को एक बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कहा था, कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, हम उसको सही नहीं मानते हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद स्थिति स्पष्ट कर दी थी, कि यह फैसला गलत माहौल में गलत सिद्धांतों और आधारों पर दिया गया है। जो कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के विरुद्ध है।
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मौलाना मदनी ने कहा कि ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी पूजा स्थल के उद्घाटन के लिए बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। बल्कि उचित होगा कि धार्मिक अनुष्ठान राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त हों और धार्मिक लोगों द्वारा ही किए जाने चाहिए। मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के सभी स्तर के पदाधिकारियों को खबरदार किया कि वह संगठन के रुख के खिलाफ किसी भी गैर जिम्मेदाराना बयान से बचें।
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मौलाना महमूद मदनी ने आगे कहा कि एक अंग्रेजी अखबार में जमीयत के किसी स्थानीय पदाधिकारी के हवाले से प्रधानमंत्री से मस्जिद के उद्घाटन में शामिल होने की अपील पर आधारित एक बयान प्रकाशित किया है, जो जमीयत के रुख के विरुद्ध है। इसलिए सभी पदाधिकारी किसी भी प्रकार की बयानबाजी करने से भी बचें। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर अयोध्या न जाएं।