उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने पांच एक्सप्रेस-वे के किनारों पर 32 औद्योगिक शहर बसाने जा रही है। इसके तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे 23 जिलों के 84 गांवों को चिन्हित कर औद्योगिक शहर बसाने के लिए अधिसूचित कर दिया गया है। अब उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानि यूपीडा इनके अधिग्रहण की तैयारी कर रहा है।
दरअसल औद्योगिक शहर बसाने के लिए शुरूआत के चरणों में 100 से 600 एकड़ तक की जमीन का अधिग्रहण होना है। अधिग्रहण के बाद यूपीडा यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास कर इनको निवेशकों को उपलब्ध कराएगा।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार इन शहरों में वेयर हाउस, लॉजिस्टिक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, होजरी, फूड प्रोसेसिंग, दुग्ध प्रसंस्करण, दवा और मशीनरी से संबंधित इकाइयों में निवेश कर लोगों को आकर्षित कराने पर फोकस होगा। इसमें ये भी ख्याल रखा जाएगा कि जिस क्षेत्र में जिस उद्योग की परंपरा हो,, उससे संबंधित उद्योग ही वहां लगाए जाएं।
इसके अलावा करीब दर्जन भर शहरों से लगे क्षेत्र में,, टाउनशिप का भी विकास योगी सरकार कर रही है। इस टाउनशिप के ज़रिए दोहरा लाभ होगा। साथ ही संतृप्त हो चुके शहरों की बुनियादी सुविधाओं पर अब और अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। नए शहर या टाउनशिप पूरी तरह से नियोजित होंगे। इनमें रहने वालों का जीवन स्तर बेहतर होगा। ये उनके सपनों के परवान चढ़ाने में मददगार बनेगा।
उन्होंने बताया कि विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक देश के करीब 40 फीसदी लोग शहरों में निवास करेंगे। तब करीब 5000 ऐसे कस्बे होंगे, जिनकी आबादी एक लाख से अधिक होगी। 10 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों की संख्या 50 हजार से अधिक होगी। लोगों के सपनों को परवान चढ़ाने के लिए नए शहर नियोजित तरीके से बसें, ताकि पहले के शहरों की बुनियादी सुविधाओं पर और जोर न पड़े।