कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आज सोमवार को काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव और हर-हर गंगे का उद्घोष करते हुए पवित्र गंगा नदी में स्नान किया और दीपदान के साथ दान-पुण्य किया।
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काशी में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु देर रात से ही घाटों पर पहुंचने लगे थे। दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर उमड़ पड़ी। सुबह नौ बजे तक दशाश्वमेध घाट और पंचगंगा घाट लोगों से खचाखच भर गया। गंगा स्नान के बाद समूह में महिलाओं ने दीपदान और अर्घ्यदान किया।
पुलिस अफसर रात दो बजे से ही गंगा नदी के किनारों पर मुस्तैद हो गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात को सुगम बनाने के लिए गंगा की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। गंगा नदी के उस पार अस्सी, भदैनी, प्राचीन दशाश्वमेधघाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, पंचगंगा घाट, केदार घाट, खिड़किया घाट और भैंसासुर घाट पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही।
बता दें कि सनातन धर्म के स्नान पर्वों में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों गंगा, यमुना, गोदावरी में स्नान की महत्ता का पुराणों में वर्णन है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में या तुलसी के समीप दीप जलाने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दान-पुण्य के साथ ही कार्तिक महीने में गंगा स्नान,पूजन अनुष्ठानों का भी समापन कर श्रद्धालु इसका पारण करते है।