Uttar Pradesh is leading in vegetable production
कृषि विविधीकरण किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक
सब्जियों की खेती को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता
पौधरोपण कर हाइटेक वैजिटेबल नर्सरी का उद्घाटन
मिर्ज़ापुर- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी (अदलपुरा चुनार परिसर) का 33वां स्थापना दिवस गुरुवार को मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ प्रमोद कुमार मिश्र, विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव कृषि शिक्षा देवेश चतुर्वेदी, उप महानिदेशक फसल विज्ञान और बागवानी विज्ञान, आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली डॉ तिलक राज शर्मा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।इस अवसर पर संस्थान परिसर में हाई-टेक वेजिटेबल नर्सरी का उद्घाटन एवं पौधरोपण भी किया गया।
मुख्य अतिथि ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के शोध कार्यों की प्रसंशा करते हुए कहा कि भारत के सब्जी उत्पादन परिदृश्य में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि सब्जियों के माध्यम से कृषि विविधिकरण करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आशा जताई कि हाई-टेक वेजिटेबल नर्सरी के माध्यम से किसानों को रोपण सामग्री सहजता से उपलब्ध होगी, जिससे उत्तर प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होगे। उनके अनुसार सब्जियों की खेती को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है तथा जलवायु परिवर्तन, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, अधिक उत्पाद मूल्य एवं प्रसंस्करण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शोध समय की मांग है।
डॉ देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सब्जी उत्पादन में अग्रणी राज्य है तथा पूर्वांचल के किसान अब सब्जियों का विदेशों में निर्यात करके अधिक आय अर्जित कर रहे है।
डॉ तिलक राज शर्मा ने बताया कि भारत सब्जी उत्पादन में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है तथा पिछले वर्ष 7000 करोड़ से अधिक मूल्य की सब्जियों का निर्यात किया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कांति बेहेरा ने संस्थान की अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला एवं 2047 तक सब्जी उत्पादन दोगुना करने की कार्ययोजना का विवरण दिया।
समारोह में आयुक्त वाराणसी कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी वाराणसी एस. राजलिंगम, महानिदेशक, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ डॉ संजय कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ धनन्जय प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सहायक महानिदेशक (बागवानी), आई.सी.ए.आर. सुधाकर पाण्डेय ने किया। प्रशस्ति पत्र देकर वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। संस्थान के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया गया एवं वर्षाेपरांत सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए वैज्ञानिक वर्ग में प्रदीप करमाकर, तकनीकी वर्ग में सुधीर कुमार एवं कृषि विज्ञान केंद्र में डॉ मनोज कुमार पांडेय को प्रशस्ति पत्र दिया गया। साथ ही स्कूली छात्रों को भी पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर एक कृषि प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।