NCERT की किताबों में जल्द ही एक बदलाव देखने को मिल सकता है। NCERT के डायरेक्टर सी आई इस्साक ने कक्षा 12वीं की बुक्स में इंडिया की जगह भारत करने का फैसला लिया है। NCERT के 12वीं कक्षा की किताबों में नाम बदलने का फैसला विशेष पैनल ने लिया है।
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दरअसल, NCERT द्वारा गठित एक समिति ने किताबों में इंडिया को बदलकर भारत करने की सिफारिश की थी। पैनल द्वारा पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय ‘भारत’ प्रिंट करने के प्रस्ताव को सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है।
सी आई इस्साक के मुताबिक, नई एनसीईआरटी किताबों के नाम में बदलाव होगा। यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है। NCERT पैनल की मंजूरी के बाद ये सारी नई किताबों में भारत नाम लागू होगा। इस्साक ने बताया कि NCERT समिति ने बुक्स में प्राचीन इतिहास के स्थान पर क्लासिकल हिस्ट्री शुरू करने की सिफारिश की है। NCERT समिति ने भी पाठ्यपुस्तकों में “हिंदू जीत” को उजागर करने की सिफारिश की है। इसने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘शास्त्रीय इतिहास’ को शामिल करने की भी सिफारिश की है।
पौराणिक काल में भरत नाम के कई रेफरेंस मिलते हैं। जैसे- राजा दशरथ के बेटे और राम के छोटे भाई भरत। नाट्यशास्त्र के रचयिता भरतमुनि, पुरुवंश के राजा दुष्यंत और शकुंतला के बेटे भरत जिनका जिक्र महाभारत में भी है। महाभारत में भरत को सोलह सर्वश्रेष्ठ राजाओं में गिना गया है। पौराणिक मान्यताओं को आधार मानने पर भारत नाम के पीछे दुष्यंत के बेटे भरत का ही जिक्र आता है।
ऋग्वेद की एक शाखा ऐतरेय ब्राह्मण में भी दुष्यंत के बेटे भरत के नाम पर ही भारत नामकरण का तर्क है। इसमें भरत को एक चक्रवर्ती राजा यानी चारों दिशाओं को जीतने वाला राजा कहा गया। ऐतरेय ब्राह्मण में इसका भी जिक्र है कि भरत ने चारों दिशाओं को जीतने के बाद अश्वमेध यज्ञ किया, जिसके चलते उनके राज्य को भारतवर्ष कहा गया।