मुरादाबाद के डाकघरों में खोले गए 2.39 लाख खातों को लेन-देन ना होने के चलते बंद कर दिया गया है। इन खातों में जीरो बैलेंस अकाउंट की संख्या सबसे ज्यादा बताई जा रही है। अब इन खातों को दोबारा से चालू करने के लिए विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाने की योजना है।
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जानकारी के अनुसार, मुरादाबाद के डाकघरों में पिछले तीन साल से कोई लेन-देन ना करने वाले खातों को निष्क्रिय श्रेणी में डालकर बंद कर दिया गया। दरअसल जिले में एक प्रधान डाकघर और 37 डाकघर हैं। इसके अलावा 120 उप डाकघर भी हैं। इन डाकघरों में ग्राहकों के 4 लाख 98 हजार 4 सौ 11 खाते संचालित हैं। इसमें अधिकांश बचत खाते हैं। इनमें से कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए खोले गए खाते भी हैं। डाकघरों के 4.98 लाख खातों में से 2.39 लाख खाते ऐसे हैं, जिनमें तीन साल से अधिक समय से लेन-देन पूरी तरह से बंद है।
जिले में करीब 5 लाख डाक खातों में से 2 लाख से अधिक खाते निष्क्रिय हैं, जबकि पूरे जोन में निष्क्रिय खातों की संख्या चार लाख से अधिक है। पूरे जोन में कुल खातों की संख्या नौ लाख के करीब है। खाताधारकों ने इन खातों के संचालन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके बाद इन डाक खातों को बंद कर दिया गया।
अब केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही इन खातों को दोबारा सक्रिय किया जा सकता है। इसके लिए डाक विभाग इन निष्क्रिय खातों को दोबारा से सक्रिय बनाने के लिए खाता धारकों से संपर्क साधने की योजना बना रहा है। इन खाता धारकों को विभाग की ओर से पत्र भेजा जाएगा। खाता धारकों द्वारा खाते के संचालन में दिलचस्पी ना दिखाने पर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
डाक विभाग उपाधीक्षक विजयवीर सिंह ने बताया कि मुरादाबाद जनपद में डाकघरों में कुल 4,98411 खातों में से 2 लाख 39 हजार खाते निष्क्रिय हैं। इनमें सर्वाधिक जीरो बैलेंस वाले बचत खाते हैं। जो केवाईसी प्रक्रिया पूरी न होने से निष्क्रिय बने हुए हैं। ऐसे में डाक विभाग के अधिकारियों द्वारा अधिकतम खातों को सक्रिय करवाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
डाक विभाग उपाधीक्षक विजयवीर सिंह ने बताया कि जो खाते निष्क्रिय श्रेणी में डाले गए हैं, उन्हें दोबारा शुरू कराने के लिए खाताधारकों को केवाईसी देनी होगी। इसके साथ ही जरूरी प्रमाणपत्रों के साथ प्रार्थनापत्र देना होगा। यदि खाताधारक के नॉमिनी आते हैं तो उन्हें भी संबंधित प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
डाक विभाग उपाधीक्षक विजयवीर सिंह ने बताया कि खातों के निष्क्रिय होने के मुख्य कारणों में केवाईसी प्रक्रिया पूरी न होना, खाताधारक द्वारा खाते की गतिविधि बंद हो जाना, खाताधारक की मृत्य हो जाना है। वहीं विभाग की ओर से ड्राइव चलाकर खोले गए अधिकतर खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। बहुत से खाताधारक केवल सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए डाकघरों में खाते खुलवा लेते हैं और बाद में वह खाते निष्क्रिय हो जाते हैं।
डाक विभाग उपाधीक्षक विजयवीर सिंह ने बताया कि मुरादाबाद जोन में चार जिले मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और रामपुर शामिल हैं। इसमें 3 प्रधान डाकघर, 77 डाकघर और 405 उप डाकघर हैं। संभल का प्रधान डाकघर नहीं हैं।