बस्ती दौरे के दौरान सीएम योगी ने आर्य समाज के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ‘रचितांजलि’ पुस्तक का विमोचन किया। सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि पहली बार मुझे बस्ती आने का अवसर साल 1995 में आर्य समाज के एक कार्यक्रम में मिला था। आर्य समाज का कार्यक्रम आज लगभग 28 वर्ष बाद भी उसी ऊर्जा के साथ, उसी निष्ठा के साथ आर्य समाज के मुद्दों को आदर्श आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए ओम प्रकाश आर्य ने जो निरंतर प्रयास किया है, वह सराहनीय है।
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सीएम योगी ने कहा कि अपनी व्यक्तिगत पारिवारिक समस्याओं को दरकिनार करते हुए एक पिता के लिए सबसे कठिन समय तब होता है, जब वह अपने जवान पुत्र का अंतिम संस्कार करता है। इन समस्याओं से उबरते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती के मार्गों का अनुसरण करते हुए आर्य समाज के लिए जो योगदान दिया है, वह सराहनीय और अभिनंदनीय है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की राजधानी दिल्ली से महर्षि दयानंद सरस्वती जी के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। आर्य समाज के कार्यक्रम के माध्यम से देश और दुनिया में फैले हुए लाखों आर्य वीरों को जागृत करने का कार्य किया गया है। आर्य समाज एक जीवंत आंदोलन रहा है। देश के आंदोलन की शुरुआत में आर्य समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज की जब मैं बात करता हूं तो मुझे देश की आजादी के आंदोलन की याद आने लगती है। भारत के इतिहास का स्मरण होने लगता है। हम जब आर्य समाज की बात करते हैं तब अंग्रेजों के द्वारा भारत में तुष्टिकरण की नीति को थोपा जा रहा था। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा को संस्कारों के साथ जोड़ना आधुनिकता के साथ जोड़ना वैदिक संस्थानों की स्थापना दयानंद सरस्वती ने की।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज एक समय सबसे प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान माना जाता था। शिक्षा के क्षेत्र में दयानंद सरस्वती का अतुलनीय योगदान रहा। देश की आजादी की लड़ाई व स्वदेशी आंदोलन पहली बार देश में आर्य समाज ने चलाया था। स्वदेशी के माध्यम से अभियान को आगे बढ़ाते हुए घर वापसी के कार्यक्रम को चलाया, यह कार्यक्रम वहीं तक सीमित नहीं था।