मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि 500 वर्षों के बाद श्रीराम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो हम सिंधु भी वापस ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिंधी समाज को अपने इतिहास के बारे में वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। ये बातें सीएम योगी ने लखनऊ में सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन में कही।
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। जनवरी में रामलला अपने मंदिर में फिर से विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति की जिद की वजह से देश को विभाजन की त्रासदी से गुजरना पड़ा। देश के बंटवारे की वजह से लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ। भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में चला जाता है।
उन्होंने कहा कि सिंधी समाज ने उस दर्द को सबसे ज्यादा सहा है, उन्हें अपनी मातृभूमि को छोड़ना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज भी आतंकवाद के रूप में हमें विभाजन की त्रासदी के दंश को झेलना पड़ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज आतंकवाद, उग्रवाद या किसी भी प्रकार की अराजकता को कभी मान्यता नहीं दे सकता। अगर मानवता के कल्याण के मार्ग पर हमें आगे बढ़ाना है, तो समाज की दुष्प्रवृत्तियों को समाप्त करना होगा। हमारे धर्मग्रंथ भी हमें यही प्रेरणा देते हैं।
सीएम ने कहा कि देश है तो धर्म है, धर्म है तो समाज है और समाज है तो हम सभी का अस्तित्व है। हमारी प्राथमिकता इसी अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का सौभाग्य है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद,, भारत के अंदर अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि 1947 में बंटवारे जैसी त्रासदी फिर कभी न आने पाए, इसके लिए हमें राष्ट्र प्रथम का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रति खिलवाड़ करने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए।
कार्यक्रम में सीएम योगी ने पद्मविभूषण पंकज आडवाणी को ‘शेर ए सिंध’ सम्मान से सम्मानित किया। पंकज 25 बार विश्व बिलियर्ड्स एवं स्नूकर चौंपियन रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, लखानी ग्रुप के अध्यक्ष एसएन लखानी, देश में सामाजिक कार्यों के जाने माने नाम श्रीराम छबलानी, टेक महिंद्रा के भारत के प्रमुख राजेश चंद्र रमानी और वीआईपी की को-फाउंडर सोनाक्षी लखानी को सम्मानित किया।