देश के ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को विदेशी कोयला खरीदने का फरमान जारी किया है। इसको लेकर यूपी में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया है और इस फरमान को उपभोक्ता विरोधी बताया है। बता दें केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र भेजकर विद्युत उत्पादन के लिए विदेशी कोयला खरीद करने का निर्देश जारी किया है। इसपर उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इससे बिजली महंगी हो जाएगी। देश में कोयला भंडार पर्याप्त है, ऐसे में केंन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा विदेशी कोयले खरीद का दबाव बनाया जाना उपयुक्त नहीं है।
”केंद्र सरकार को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए”
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि ‘जहां देश में मौजूद कोयले की कीमत 3000 रुपए प्रति टन है। वहीं विदेशी कोयला की कीमत रुपया 20000/टन से भी ज्यादा है। ऐसे में 85 पैसा प्रति यूनिट दरों में 6% मिश्रण से बढ़ोत्तरी होगी। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि ‘केंद्र सरकार को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से एक बार फिर देश में सभी राज्यों के ऊर्जा सेक्टर को विदेशी कोयला खरीदने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। हर बार कहीं भी कोई बिजली संकट आता नहीं कि तुरंत विदेशी कोयला खरीदने की बात शुरू हो जाती है। सिक्किम में बाढ के चलते हाइड्रो में उत्पादन में गिरावट आई, तुरंत विदेशी कोयला 6 प्रतिशत खरीदने की बात शुरू हो गई।
ऊर्जा मंत्रालय और कोल मंत्रालय में आपस में समन्वय नहीं – उपभोक्ता परिषद
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि ‘शायद ऊर्जा मंत्रालय और कोल मंत्रालय में आपस में समन्वय नहीं है, क्योंकि 11 अक्टूबर को कोयला सचिव अमृतलाल मीणा ने कैबिनेट सेक्रेटरी भारत सरकार को पत्र लिखा है। उसमें कहा है कि सितंबर 2023 में जहां 67.27 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ। वही सितंबर 2022 में केवल 58.07 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था। जो वर्ष 2022 की अपेक्षा वर्ष 2023 में 15.84 प्रतिसत अधिक है, जबकि सभी को पता है कि सितंबर के महीने में कोयले का उत्पादन सबसे खराब होता है। क्योंकि बारिश के चलते खदानों में पानी आ जाता है। ऐसे में जब सितंबर में कोयले का उत्पादन देश में इतना अच्छा है, तो फिर विदेशी कोयला खरीदने की बात करना पूरी तरीके से बिजली दलों में बढोतरी के लिए आगे बढाने जैसा है।
”अच्छा है कि 1-2 घंटे बिजली की कटौती ही कर लें”
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इतना महंगा कोयला खरीदने से अच्छा है कि 1-2 घंटे बिजली की कटौती ही कर लें, क्योंकि इसका खामी आज कहीं-कहीं प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ता है। यदि विदेशी कोयला 6 प्रतिशत खरीदने की बात आगे बढती है तो लगभग 85 पैसा प्रति यूनिट बिजली दरों में बढोतरी होगी।
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