लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2025 के लिए मुख्यमंत्री (CM) डैशबोर्ड की रैंकिंग जारी की है, जो सरकारी योजनाओं, परियोजनाओं और सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक डिजिटल गवर्नेंस टूल है. महाराजगंज जिला 10 में से 9.63 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि अयोध्या (9.35 अंक) और मऊ (9.31 अंक) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. बदायूं, 8.15 अंकों के साथ रैंकिंग में सबसे आखिरी पायदान पर रहा. इसके साथ ही, योगी सरकार ने रैंकिंग और ग्रेडिंग की नई व्यवस्था की घोषणा की है, जो 1 जून 2025 से लागू होगी.
वास्तविक समय में निगरानी; अप्रैल 2025 रैंकिंग
बता दें, CM डैशबोर्ड राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NINIC) द्वारा संचालित, 53 विभागों की 588 योजनाओं और 106 प्रमुख परियोजनाओं की वास्तविक समय में निगरानी करता है. यह स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, कानून-व्यवस्था, स्वच्छता और सरकारी योजनाओं के लाभ को जनता तक पहुंचाने जैसे मापदंडों पर जिलों का मूल्यांकन करता है. कुल 10 अंकों में से अधिकतम अंक प्राप्त करने के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है.
CM डैशबोर्ड : डिजिटल गवर्नेंस का प्रतीक
CM डैशबोर्ड, जिसे CM दर्पण भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. इसका उद्घाटन CM योगी आदित्यनाथ ने किया था. यह डैशबोर्ड जटिल सरकारी डेटा को यूजर फ़्रेंडली विजुअल में बदलता है, जो नीति निर्माताओं, प्रशासकों और जनता के लिए सुलभ है.
CM डैशबोर्ड की प्रमुख विशेषताएं
CM डैशबोर्ड योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति पर रियल-टाइम डेटा प्रदान करता है, जिससे बाधाओं की त्वरित पहचान संभव होती है। डेटा विजुअलाइजेशन आकर्षक है जो 53 विभागों की 588 योजनाओं के मेट्रिक्स को ग्राफिक्स के रूप में प्रस्तुत करता है. ये डैशबोर्ड 106 प्रमुख परियोजनाओं के आधार पर प्रशासनिक इकाइयों को रैंक और ग्रेड देता है. 2023 में लॉन्च हुआ ये डैशबोर्ड पुलिस, नगर निगम, विकास प्राधिकरण और विश्वविद्यालयों जैसे क्षेत्रों में केंद्रीकृत निगरानी करता है. इसके अलावा ये लोगों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान और कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है.
CM डैशबोर्ड से प्रभाव
मई 2025 में महोबा और देवरिया में ₹1 करोड़ से अधिक की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा में डैशबोर्ड का उपयोग हुआ, जो डेटा गुणवत्ता और समय-सीमा पर जोर देता है. डैशबोर्ड को अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, जो डेटा-संचालित शासन को बढ़ावा दे सकता है।
अप्रैल 2025 में शीर्ष 10 जिले
- महाराजगंज: 9.63 अंक (पहला स्थान)
मार्च 2025 में नौवें स्थान से शीर्ष पर उल्लेखनीय छलांग, जो प्रभावी प्रशासन और योजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन को दर्शाता है।
- अयोध्या: 9.35 अंक (दूसरा स्थान)
- मऊ: 9.31 अंक (तीसरा स्थान)
- अंबेडकर नगर: 9.24 अंक (चौथा स्थान)
- गाजियाबाद: 9.24 अंक (चौथा स्थान)
- मीरजापुर: 9.20 अंक (छठा स्थान)
- बाराबंकी: 9.19 अंक (सातवां स्थान)
- झांसी: 9.17 अंक (आठवां स्थान)
- पीलीभीत: 9.13 अंक (नौवां स्थान)
- कानपुर नगर: 9.10 अंक (दसवां स्थान)
सबसे निचले स्थान पर जिले
बदायूं (8.15 अंक), जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर और कानपुर देहात रैंकिंग में सबसे नीचे रहे. ये जिले 8 से अधिक अंक हासिल करने के बावजूद बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके, जो योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रशासनिक दक्षता में कमियों को दर्शाता है.
योजनाओं में कमियों पर शासन की सख्ती
अप्रैल की समीक्षा में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण और निपुण परीक्षा आकलन को डी ग्रेड मिला है. अधिकारियों को 31 मई 2025 तक इन्हें ए ग्रेड में लाने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि इन योजनाओं में सुस्ती को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया, ताकि लाभार्थियों तक समयबद्ध लाभ पहुंचे.
सहकारी दुग्ध समितियों में लापरवाही
सहकारी दुग्ध समितियों को सी ग्रेड मिलने पर नाराजगी जताई गई. संबंधित अधिकारी सुनील कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गए, जो जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है.
फैमिली आईडी आवेदनों में ढिलाई
फैमिली आईडी आवेदनों के निस्तारण में शिथिलता पर जिला मजिस्ट्रेट ने नाराजगी व्यक्त की. नगर निगम को प्रतिदिन 1,500 आवेदनों को निपटाने का लक्ष्य दिया गया, ताकि इस योजना का लाभ अधिक परिवारों तक पहुंचे.
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को बी ग्रेड मिला. नवंबर 2023 से मई 2025 तक नेट मीटरिंग न करने वाली संस्थाओं और प्लांट के संचालन न होने से विद्यालयों को होने वाली हानि की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई.
नई ग्रेडिंग व्यवस्था: 1 जून से लागू
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने CM डैशबोर्ड की रैंकिंग और ग्रेडिंग के लिए नई व्यवस्था का आदेश जारी किया है, जो 1 जून 2025 से प्रभावी होगी.
नई व्यवस्था के तहत:
- 9 से अधिक अंक: ग्रेड ‘ए’
- 6 से 8 अंक: ग्रेड ‘बी’
- 3 से 6 अंक: ग्रेड ‘सी’
- 3 से कम अंक: ग्रेड ‘डी’
यह व्यवस्था जिलों और विभागों के प्रदर्शन को और पारदर्शी और मापने योग्य बनाएगी, जिससे कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी.