सपा के महासचिव व राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति बताकर चौतरफा घिर गए हैं. सपा के विरोध दल जहां रामगोपाल यादव के बयान की निंदा कर रहे हैं, वहीं अब आम जनता के बीच भी उनके प्रति विरोध देखा जा रहा है. सीएम योगी सपा सांसद के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती. भारतीय सेना का हर सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है. वह किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि नहीं होता.
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब सपा नेताओं ने इस प्रकार से दलित समाज से आने वाले महापुरुषों व उच्च पदों पर बैठे लोगों को अपमानित किया हो. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में जब बसपा कमजोर हो रही है, तो सपा की निहागें बसपा के कोर वोट बैंक ‘दलितों’ पर हैं. इसीलिए अखिलेश यादव पीडीए का नारा देकर दलितों को अपने साथ जोड़ने की बात करते हैं. वर्तमान में अखिलेश यादव के हर भाषण में दलित प्रेम झलकता है. लेकिन सपा का पूर्व में दलितों के प्रति कैसा रवैया रहा है. आइए कुछ पुरानी घटनाओं से समझते हैं.
लखनऊ का चर्चित गेस्ट हाउस कांड
यूपी की राजनीति में 2 जून 1995 का दिन हमेशा याद रखा जाएगा. इस दिन सपा व दलित हित बात करने वाली पार्टी बसपा के बीच बड़ा विवाद हुआ था. जिसमें सपा समर्थकों के हमले से बसपा सुप्रीमो मायावती की जैसे-तैसे जान और आबरू बची थी. इस घटना को गेस्ट हाउस कांड के नाम से जाना जाता है.
दरअसल, 1993 में सपा और बसपा ने मिलकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था. दोनों पार्टियों के गठबंधन ने जीत भी दर्ज की. सपा को जहां 109 सीटें मिलीं, वहीं बसपा ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की. दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई. मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने. लेकिन बसपा ने 1995 में अपना समर्थन वापस ले लिया. जिससे मुलायम सरकार अल्पमत में आ आई. इससे बौखलाए सपा विधायकों और समर्थकों ने 2 जून 1995 को लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया. गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 1 में मायावती अपने विधायकों साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार कर रही थीं. इस हमले में जैसे-तैसै मायावती अपनी जान बचाने में सफल रही थीं.
दलित महापुरुषों के नाम पर रखे गए 8 जिलों के नाम सपा ने बदले
2007 में बसपा ने यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश के 8 जिलों का नाम बदलकर दलित महापुरुषों के नाम पर रखा. जिसमें हापुड़ का नाम पंचशीलनगर, शामली का प्रबुद्धनगर, हाथरस का महामाया नगर, कासगंज का कांशीराम नगर, कानपुर देहात का रमाबाईनगर, अमरोहा का ज्योतिबाफुले नगर, संभल का भीमनगर, अमेठी का छत्रपति शाहूजी महाराज नगर रखा गया था. हालांकि जब 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार बनी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला तो उन्होंने दलित महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम बदल दिए.
आजम खान ने आंबेडकर जी को बताया था भू-माफिया
सपा नेताओं की दलित विरोधी मानसिकता समय-समय पर उजागर होती रही है. सपा के दिग्गज नेता, पहले मुलायम सिंह और अब अखिलेश यादव के सबसे खास सपा नेता आजम खान ने बाबा साहब भीमराव को लेकर विवादित बयान दिया था. आजम ने 2016 में बाबा साहब को भू-माफिया बताया था. उन्होंने गाजियाबाज में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था, जिसमें उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं मौजूद थे.
आजम खान ने मायावती सरकार पर हमला बोतले हुए कहा था कि पूर्व की सरकार ने प्रदेश में जगह एक मूर्ति लगाई है. मूर्ति में उंगली आगे की ओर कुछ खास इशारा करती है. जिसका मतलब है यह जमीन मेरी है. साथ ही सामने वाली जमीन भी हमारी ही है.
सपा नेता मुजतबा सिद्दीकी का दलित विरोधी बयान
2024 में फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी रहे मुजतबा सिद्दीकी ने दलितों का अपमान करने के उद्देश्य से टिप्पणी की थी. उन्होंने आजाद समाज पार्टी और बसपा प्रत्याशी पर की जाति का नाम लेते हुए, अपनाम करने के इरादे से कहा था कि उनका कोई जनाधार नहीं है. उनके साथ किसी भी वर्ग के मतदाता खड़े नहीं हैं. यह सिर्फ डमी प्रत्याशी हैं. जिसके बाद सिद्दीकी के खिलाफ बसपा प्रत्याशी राजकुमार गौतम ने सराय इनायत थाने में एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.
बहुत बड़ी खबर :
सपा प्रत्याशी “मुज्तबा सिद्दीकी” पर “दलितों को अपमानित” करने की FIR दर्ज।
सपा के फूलपुर प्रत्याशी दलितों को “जातिसूचक” शब्दों का प्रयोग करते हुये बोले “कोई पकड” नहीं है?
दलित समाज सपा जैसी पार्टियों से सावधान हो जाये? pic.twitter.com/vVtuuawQQ7
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) October 28, 2024
5- दलित बच्ची के साथ रेप बड़ा मामला नहीं- सपा सांसद लालजी सुमन
आगरा में 12 साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. जिसके बाद सपा के राज्यसभा सांसद लालजी सुमन पीड़ित परिवार से मिलने गए थे. इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पूछा की क्या अखिलेश यादव इस पीड़ित परिवार से भी मिलने आएंगे, क्योंकि करणी सेना के विरोध प्रदर्शन करने के बाद वह आपसे मिलने आए थे. पत्रकार के सवाल पर सांसद लालजी सुमन ने कहा कि दलित बच्ची के साथ हुआ दुष्कर्म इतना बड़ा मामला नहीं है कि अखिलेश यादव यहां आएं. पीड़ित परिवार के लोग हमारे संपर्क में रहे जो अधिक से अधिक मदद हो सकती है वह हम करेंगे.
6- सपा पर दलितों के नाम पर राजनीति करने का आरोप
सपा पर उसके विपक्षी दल जातिवाद को बढावा देने का आरोप लगाते रहे हैं. हाल ही में सपा सांसद लाल जी सुमन ने राज्यसभा में महान क्रांतिकारी राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद भाजपा ने अखिलेश यादव से सुमन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही करणी सेना ने राणा सांगा के सम्मान में आगरा में विरोध प्रदर्शन किया. भाजपा के साथ करणी सेना ने भी मांग थी कि सपा लालजी सुमन के खिलाफ कार्रवाई करे. लेकिन सपा ने कार्रवाई करने के बजाए लालजी सुमन का यह करते हुए बचाव किया था कि वह दलित हैं, इसलिए उन्हें निशान बनाया जा रहा है.
यूपी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनका दलित प्रेम 2017 के बाद जागा है. जब तक वह सत्ता में रहे तब तब उन्होंने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया. साथ ही उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सीएम थे, तब उन्होंने दलित महापुरुषों के नाम पर बने जिलों और संस्थानों के नाम कलम चला दी थी.