सीएम योगी के आदेश पर यूपी के सभी 75 जिलों में ‘सिविल डिफेंस’ कैंप लगाए जाएंगे. अभी तक यूपी के 15 जिलों में ही यह अभियान चल रहा था. इन कैंपों में नागरिकों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे. योगी सरकार ने यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए उठाया है. गुरुवार को सीएम योगी ने नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों साथ बैठक कर यह आदेश दिया है. ‘सिविल डिफेंस’ कैंपों में प्राकृतिक व मानव निर्मित संकटों के समय आम नागरिकों की मदद के लिए स्वयंसेवकों को जरूरी प्रशिक्षण दिए जाएंगे.
सरकारें अपने नागरिकों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जरूरी प्रशिक्षण देती हैं, जिसे सिविल डिफेंस कहा जाता है. सिविल डिफेंस आपदा प्रबंधन, बचाव एवं राहत कार्य के लिए होता है. इसके प्रशिक्षित कार्यकर्ता संकटकाल के दौरान लोगों के जीवन की रक्षा करते हैं. सिविल डिफेंस प्रशिक्षण के जरिए सरकारें स्वयंसेवकों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी युद्ध व प्राकृतिक आपदा जैसे कि भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ आदि समस्याओं से निपटने का प्रशिक्षण देती हैं. प्रशिक्षण के दौरान मॉकड्रिल का भी आयोजिन किया जाता है. जो परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्वाभ्यास के तौर पर होता है.
यूपी के 15 जिलों में पहले से लागू है सिविल डिफेंस प्रणाली
यूपी में 7 मई से सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन इससे पहले से केंद्र सरकार ने यूपी के 15 जिलों में सिविल डिफेंस सिस्टम प्रणाली लागू की थी. जिनमें बुलंदशहर, आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बागपत, मुजफ्फरनगर का नाम शामिल है. गृह मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर संचालित करने से पहले इन जिलों में सिविल डिफेंस को लेकर मॉकड्रिल करने के आदेश जारी किए थे. अब सीएम योगी के आदेश पर बाकी बचे सभी 60 जिलों में सिविल डिफेंस के जरिए लोगों को इमरजेंसी के दौरान आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी.
सिविल डिफेंस विभाग के कार्य
सिविल डिफेंस आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह विभाग भूकंप, बाढ़, चक्रवात और भूस्खलन के अलावा युद्ध के समय विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वयंसेवक तैयार करता है, जो इन परिस्थिति में लोगों की मदद करते हैं. जिसमें फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना, तथा घायलों को प्राथमिक उपचार देना शामिल है. सिविल डिफेंस विभाग NCC, होम गार्ड, NSS, पुलिस, पीएसी और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ योजना बनाकर जागरूकता अभियान चलाता है, जिसमें लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है.
यूपी में बीते साल प्राकृतिक आपदा से मौत
डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में बीते साल 2024 में 1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच 256 लोगों को ने
प्राकृतिक आपदाओं में अपनी जान गंवाई थी. वहीं, 23 जानवरों की मौत के साथ-साथ 1,797 घर भी क्षतिग्रस्त हुए थे. वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाएं भी बड़ी चुनौती हैं. जिनसे निपटने के लिए सिविल डिफेंस प्रशिक्षण जरूरी हो जाता है.
सिविल डिफेंस से मिलेगा लोगों को रोजगार
सिविल डिफेंस के जरिए युवाओं को विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें बाढ़, भूस्खलन, चक्रवाद, तूफान और युद्ध के समय नागरिकों को बचाने के तरीके और घायलों के आपातकालीन उपचार को शामिल किया गया है. ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को जहां सरकार रोजगार से जोड़ेगी. वहीं, विभिन्न प्राइवेट संस्थानों में ऐसे प्रशिक्षित लोगों को बतौर कर्मचारी भी रखा जाएगा.