भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम सीजफायर पर सहमति बनी. लेकिन रात होते ही पाकिस्तान ने अपनी ना-पाक हरकत को अंजाम दे दिया. पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारत के सरहदी शहरों पर ड्रोन अटैक कर दिया. जिसके बाद भारत के रक्षा सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेसवार्ता कर पाकिस्तान की इस करतूत की जानकारी दुनिया को दी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को जानकारी दी थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को समाप्त करने पर सहमति बन गई है. जिसके बाद पाकिस्तान और फिर भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की थी.
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF (International Monetary Fund) ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का कर्ज देने का निर्णय लिया है. वहीं, बीती 9 मई को पहली किस्त के रूप में 1 अरब डॉलर की मदद करने की स्वीकृति भी दे दी है. हालांकि, भारत ने IMF के इस निर्णय का विरोध किया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि IMF को पता होना चाहिए कि पैसा कहां खर्च होने वाला है. क्योंकि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढावा देने के लिए करेगा.
दूसरी ओर भारत के राजनेताओं ने भी IMF के पाकिस्तान को लोन देने वाले निर्णय का विरोध किया है. हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि IMF ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. लेकिन IMF पाकिस्तान को आर्थिक मदद देकर आतंकवाद को वित्तपोषित कर रहा है.
पाकिस्तान के लिए IMF के बेलआउट पैकेज पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘ये आधिकारिक भीख मंगे’। उन्होंने IMF से 1 बिलियन डॉलर का लोन लिया। अमेरिका, जर्मनी और जापान इस पर कैसे सहमत हो गए?… नेतृत्व की बात तो भूल ही जाइए, वे (पाकिस्तान) अर्थव्यवस्था चलाना भी नहीं जानते। pic.twitter.com/9jtdwAPZsh
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) May 10, 2025
पाकिस्तान को IMF द्वारा लोन दिए जाने के निर्णय का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स इसे कई तरह से परिभाषित कर रहे हैं. तत्त्वमसि नाम के ट्विटर यूजर ने IMF के इस निर्णय को निंदनीय बताते हुए लिखा कि इस फंडिंग से पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करेगा.
वहीं, तत्त्वमसि ने अपनी पोस्ट में दो प्रमुख बातों पर जोर दिया है. पहला यह कि भारत व्यापार, टेक्नोलॉजी, शस्त्र आदि में पश्चिमी देशों के लिए चुनौती बन रहा है. इसलिए पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत इसमें उलझा रहे, ताकि भारत उनके लिए चुनौती न बन सके.
तत्त्वमसि ने लिखा दूसरी बात यह है कि पाकिस्तान के पास 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. इससे वह दो-तीन महीने तक युद्ध का सामान आयात कर सकता था. अब IMF से फंड मिलने के बाद एक माह अधिक मान लेते हैं. फिर भी भारत से युद्ध करने में पाकिस्तान की ही बर्बादी होगी. इसलिए फंड पाकर भी पाकिस्तान ने कोई बड़ी उपलब्धि नहीं हासिल की है.
पाकिस्तान को IMF ने ऋण दे दिया …
स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के पक्ष में IMF का यह निर्णय निंदनीय है … क्यूँकि इससे आतंकवाद ही पोषित होगा …
यहाँ पर दो बात है …
सर्व प्रथम तो …
भारत व्यापार – टेक्नोलॉजी – शस्त्र आदि में पश्चिमी देशों के लिए चुनौती बन रहा है … इसलिए वो चाहते… pic.twitter.com/5rfpaVmj7a— तत्त्वमसि (@dhirenpurohit) May 9, 2025
अश्वनि यादव नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि IMF वाले किसे फंडिंग कर रहे हैं, यह जानना जरूरी है. पोस्ट में पाकिस्तान के 25 आतंकी संगठनों का भी उल्लेख किया गया है. साथ ही लिखा है कि IMF बिना अमेरिका की मर्जी के पैसे नहीं दे सकता.
पोस्ट में ग्राफ के माध्यम से समझाया गया है कि अमेरिका IMF को पैसा देता है और पाकिस्तान हथियार खरीदने के लिए अमेरिका को पैसा देगा. अब आतंकवाद को बढ़ा कौन दे रहा है यह साफ है.
ये IMF वाले जिसको फंड कर रहे हैं उनके नाम तो पढ़ लो… और हाँ IMF बिना अमेरिका की मर्ज़ी के पैसे दे भी नहीं सकता है।
अमेरिका ⬇️
IMF⬇️
पाकिस्तान⬇️
हथियार के लिये अमेरिका को⬇️आतंकवाद को बढ़ा कौन रहा है सब साफ़ है।🔄#IMFSupportsTerrorists pic.twitter.com/rcFb5sxfyV
— Ashwini Yadav (@iamAshwiniyadav) May 10, 2025