भारत-पाकिस्तान के बीच बीती रात काफी तनावपूर्ण रही. दोनों देशों ने एक दूसरे पर जमकर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. हालांकि इसमें पाकिस्तान को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी. अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह दोनों देशों के बीच युद्ध है, यह सिर्फ तनाव की स्थित. क्योंकि पाकिस्तान सरकार के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और स्वयं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को अपने परमाणु बमों की धौंस दिखाई थी. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने तो भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी तक दे डाली. वह भूल गए की भारत भी एक एटमी शक्ति संपन्न देश है.
किसी भी देश को अपने दुश्मन पर परमाणु हमला करना तो छोड़िए, सामान्य सैन्य कार्रवाई करने से पहले भी कई चरणों से गुजरना पड़ता है. वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव की स्थिति है, भले ही इसमें मिसाइल और ड्रोन से हमला किया जा रहा हो, लेकिन यह युद्ध नहीं है. इसे सैन्य कार्रवाई कहा जाएगा. जिस स्थिति में भारत पाकिस्तान हैं यह युद्ध से पहले का चौथा चरण है. आइए युद्ध शुरू होने से पहले और बाद के चरणों को समझते हैं.
1- कूटनीतिक (राजनयिक) विरोध
दो देशों के बीच गतिरोध तब शुरू होता है, जब किसी गतिविधि को लेकर विवाद होता है. जिसके बाद दोनों देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे का कूटनीतिक (राजनयिक) विरोध करते हैं. यह विरोध का पहला चरण होता है. जैसा कि भारत, पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने व आतंकियों को पनाह देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरता रहा है.
2-आर्थिक प्रतिबंध
दो देशों के बीच युद्ध प्रारंभ होने से पहले की दूसरी सीढी आर्थिक प्रतिबंध है. जब तनाव ज्यादा बढ़ता है, तब प्रतिद्वंदी देश एक दूसरे पर आर्थिक प्रतिबंध लगाते हैं. जैसे की एक-दूसर के आयात-निर्यात बंद करना. किसी भी प्रकार का व्यापारिक संबंध पूरी तरह से खत्म कर लेना. भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी थी.
3- सैन्य तैयारी
सैन्य तैयारी युद्ध की तीसरी सीढ़ी है. प्रतिद्वंदी देश एक दूसरे के खिलाफ बॉर्डर पर सेना और सैन्य उपकरणों की तैनाती करते हैं. जिससे सीमा पर तनाव बढ़ता है. सैन्य तैयारी में युद्ध अभ्यास करने जैसी कई गतिविधियों को शामिल किया गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान नेवी ने अरब सागर में युद्धाभ्यास किया था. जिसके बाद भारतीय नेवी ने भी युद्धाभ्यास किया. इससे पहले तनाव को बढ़ते देख दोनों देशों ने सीमा पर जवानों और आयुध उपकरणों की तैनाती करना शुरू कर दिया था.
4- सैन्य कार्रवाई
दो देशों की सेनाओं के बीच झड़पें होना, युद्ध शुरू होने के ठीक पहले का क्रम है. झड़प में प्रतिद्धंदी देश एक दूसरे के प्रति सीमित हद तक सैन्य कार्रवाई, मिसाइल अटैक या सीमा पर गोलाबारी करते हैं. वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच यही स्थिति है. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में घुस कर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. जिसके बाद दोनों देशों की ओर से सैन्य कार्रवाई जारी है. इसे युद्ध कहना गलत होगा.
5- युद्ध
दो देशों की सेनाओं के बीच सीमित झड़प के बाद जब तनाव की स्थिति और बढ़ती है तो पूर्ण युद्ध शुरू होता है.
पूर्ण युद्ध में देश अपनी पूरी क्षमता के अनुसार, एक दूसरे के सैन्य ठिकानों, रक्षा से जुड़े संस्थानों, यहां तक की किसी स्थान विशेष को निशाना बनाते हैं.
5-छोटे परमाणु हमले
पूर्ण युद्ध से जब एक्शन आगे बढ़ता है, तब छोटे परमाणु हमले शुरू होते हैं. हालांकि, यह तभी संभव है जब दो प्रतिद्धंदी देशों में से कोई एक भी एक या फिर दोनों देश परमाणु संपन्न शक्ति हो. भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु मिसाइल संपन्न देश हैं. हालांकि, यह स्थिति रेयर ही बनती है.
6- सर्वनाश
सर्वनाश युद्ध की सबसे अंतिम प्रक्रिया है, जब तनाव की स्थिति सबसे चरम होती है, तब भीषण परमाणु हमले होते हैं. जिसके बाद सर्वनाश होता है. जिस क्षेत्र में परमाणु हमला होता है, वहां सब कुछ नष्ट हो जाता है. साथ ही परमाणु हमले के बाद निकले वाली रेडियोएक्टिविटी किरणें बीमारी फैलाती हैं. अंतिम बार परमाणु बम का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ था. तब अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और फिर 9 अगस्त 1945 को नागासाकी शहर पर परमाणु बम गिराए थे.
भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का अध्यक्ष होता है. सरकार को किसी देश से युद्ध करने से पहले, राष्ट्रपति की स्वीकृति लेनी पड़ती है. राष्ट्रपति यह स्वीकृति प्रधानमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर देते हैं. हालांकि युद्ध की अनुमति भले की राष्ट्रपति देता हो, लेकिन इसका निर्णय प्रधानमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ लेते हैं. जिसमें रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री विशेष रूप से शामिल होते हैं. साथ ही युद्ध का निर्णय लेने से पहले सेना प्रमुखों, खुफिया एजेंसियों और राजनायिकों की भी सलाह ली जाती है.
भारत ने अब तक 5 युद्ध लड़े हैं. यह सभी युद्ध भारत की जवाबी कार्रवाई थी. यानी कि भारत ने कभी भी अपनी ओर से युद्ध की शुरूआत नहीं की. 1947 में आजादी मिलने के बाद भारत ने अपना पहला युद्ध, कश्मीर की मदद के लिए कबीलाई लड़कों से लड़ा और उन्हें खदेड़ दिया.
1962 में भारत ने दूसरा युद्ध चीन से लड़ा. यह युद्ध (20 अक्टूबर-20 नवम्बर, 1962) तक चला. अक्साई चिन क्षेत्र में
सीमा विवाद के चलते भारत ने चीन के साथ युद्ध किया. दोनों देशों के बीच 30 दिनों तक भीषण युद्ध चला.
1965 में भारत ने अपना तीसरा युद्ध पाकिस्तान के साथ लड़ा. तब देश की बागडोर लाल बहादुर शास्त्री के हाथों में थी. भारतीय जवानों ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन दिखाते हुए पाकिस्तान टैंकों के परखच्चे फड़ा दिए.
5 अगस्त, 1965 को जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से पाकिस्तानी सेना ने ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’चलाया. हजारों की संख्या में पाकिस्तानी सैनिक स्थानीय विद्रोहियों के वेश में एलओसी की सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस आए. जिसके बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध प्रारंभ हुआ, यह युद्ध 23 सितंबर, 1965 तक चला. जिसमें पाकिस्तान बुरी तरह से पराजित हुआ. हालांकि सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता के चलते युद्ध विराम पर सहमति बनी.
भारत पाकिस्तान के बीच चौथा युद्ध 1971 में लड़ गया. भारत ने यह युद्ध बांग्लादेशी स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने के लिए लड़ा था. जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित किया और उसके 93,000 सैनिकों को आत्म समर्पण करना पड़ा. यह युद्ध 16 दिसंबर, 1971 समाप्त हुआ.
भारत ने अपना पांचवा और पाकिस्तान के साथ चौथा युद्ध 1999 में लड़ा. 85 दिनों तक चले इस युद्ध में एक बार फिर से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. पाकिस्तानी सैनिकों व आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के करगिल क्षेत्र की ऊंची और बर्फीली चोटियों पर कब्जा कर लिया था.
जिसके बाद इंडियन एयर फोर्स ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ और भारतीय थल सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू कर पाकिस्तानी सेना और आतंकियों को खदेड़ दिया. भारतीय सेना ने यह विजय 26 जुलाई 1999 को दर्ज की थी. तब से हर साल 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है.