लखनऊ: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 28 बेकसूर पर्यटकों की मौत ने देशभर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. लोग अपने-अपने तरीके से आतंकियों के इस कायराना हरकत के प्रति आक्रोश प्रकट कर हैं. ऐसे में भारत की ओर से आतंक का पर्याय बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कड़े और बड़े कदम उठाए गए हैं. वर्तमान में भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से तनाव काफी बढ़ गया है. भारत की ओर से पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया गया है. वहीं, भारत में पाकिस्तान से तनाव के बीच सैन्य तैयारियां भी काफी तेजी से चल रही हैं.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर की आम जनता पाकिस्तान से प्रतिशोध लेने की मांग कर रही है. तो वहीं, सभी राजनीतीक पार्टियों और सत्ता विपक्ष की और से केंद्र सरकार से आतंक का गढ़ बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ इस बार सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही केंद्र सरकार का समर्थन करने की बात कही है. भारत सरकार ने आतंकवादियों का ठिकाना कहे जाने वाले पाकिस्तान पर सीधे तौर पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है. तो वहीं पाकिस्तान भारत सरकार के आरोपों के सभी आरोपों को हर बार की तरह इस बार भी निराधार बताया है. हालांकि भारत ने इस बार ठान लिया है कि पाकिस्तान के खिलाफ इस बार ऐसी कार्रवाई करनी है, जो उसे हमेशा के लिए याद रहे.
कब क्या हुआ था?-
22 अप्रैल दिन सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने वहां घूमने आए पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी. आतंकियों की इस कायरतापूर्ण हरकत से 28 लोगों की मौत हो गई. 3 दिवसीय सऊदी अरब के दौरे पर गए PM मोदी ने अपनी यात्रा को छोटी करके अगली सुबह भारत वापस लौट आए. इसके बाद उन्होंने तत्काल अपातकालीन बैठक बुलाई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल शामिल रहे. इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले लिए गए.
पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए 5 बड़े फैसले-
सबसे पहले सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया. दूसरा झटका पाकिस्तानी नागरिकों को लगा. दूसरे फैसले में SAARC वीजा रद्द किए गए. साथ ही 48 घंटे में भारत छोड़ने के आदेश जारी कर दिए गए. तीसरा बड़ा फैसला पंजाब के अटारी बॉर्डर का चेक पोस्ट पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ताकि आवा-जाही पर सख्त रोक लगाई जा सके. चौथे फैसले में पाकिस्तान के डिफेंस अटैसेज को ‘पर्सोना नॉन गाटा’ घोषित कर भारत से निकालने का फैसला लिया गया. साथ ही भारत ने अपने सैन्य अधिकारियों और उनके सपोर्ट स्टाफ को इस्लामाबाद से वापस बुला लिया. 5वें और आखिरी फैसले के तहत दोनों देशों के हाई कमीशन में काम करने वालों की संख्या घटाकर 55 से सीधा 30 कर दी गई, जो 1 मई 2025 से लागू हो गई. इसके साथ ही भारत की ओर से आतंकियों क 3 स्केच जारी किए गए. वहीं, PM मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है.
सेना ने ढहाए आतंकियों के घर-
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके में स्थित घर को सुरक्षा बलों ने बम से उड़ा दिया. आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी के रूप में पहचाने जाने वाले इस आतंकी पर पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप लगा है. वहीं, इस हमले में शामिल दूसरे स्थानीय आतंकी आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया है. सैन्य सूत्रों के मुताबिक आदिल ने 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए वैध तरीके से पाकिस्तान की यात्रा की थी. अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान उसने टेरर कैम्प में ट्रेनिंग ली थी. वो पिछले साल ही पाकिस्तान से वापस जम्मू-कश्मीर लौटा था.
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ की डिजिटल स्ट्राइक-
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने गलत सूचनाओं और देश विरोधी कंटेंट के खिलाफ ऐक्शन लिया है. इस कड़ी में अब तक पाकिस्तान से जुड़े कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट भारत में बैन कर दिए गए हैं. केंद्र सरकार ने पहले 16 पाकिस्तानी चैनलों को ब्लॉक किया, फिर क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का यूट्यूब चैनल भी सस्पेंड कर दिया गया. वहीं, अब भारत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का आधिकारिक यूट्यूब चैनल भी बैन कर दिया गया है. सरकार की ओर से कहा गया कि ये फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
पहलगाम हमले के बाद दिखी अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता-
पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एकसुर में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. साथ ही भारत के साथ एकजुटता दिखाई. वहीं, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि टपहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय एकजुटता दिखी है, वो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस का सबूत है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि ‘पहलगाम आतंकी हमला, 26/11 के मुंबई हमले के बाद आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है. भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद का पीड़ित रहा है और हम अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि आतंकी घटनाओं का पीड़ितों, परिवारों और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है’.
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन पर असर-
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के आतंकी हमले के बाद से सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. अबतक जम्मू-कश्मीर में आधे से ज्यादा पर्यटन स्थल बंद कर दिए. पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा वय्वस्था बेहद कड़ी कर दी गई है. घाटियों और खूबसूरत पहाड़ों के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर में कम से कम 48 रिसॉर्ट बंद कर दिए गए हैं. दूधपात्री और वेरीनाग जैसे कई पर्यटन स्थलों को भी पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि एक परेशानी वाली बात ये है कि जिन टूरिस्ट स्पॉट को बंद किया गया है, वो स्थानीय लोगों की कमाई का जरिया भी हैं. ऐसे में उनके बंद हो जाने से इसका खासा असर लोगों की आजीविका पर पड़ना तय है.
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ की वाटर स्ट्राइक-
जम्मू कश्मीर के कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. सिंधु जल समझौता सस्पेंड करने के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ वाटर स्ट्राइक की है. इसी कड़ी में भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर से जाने वाले पानी को रोक दिया है. अब झेलम नदी के जल प्रवाह को रोकने की प्लानिंग की जा रही है. बता दें कि साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ था. इस करार के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतजुल नदियों का पानी मिलेगा और पाकिस्तान को सिंधु, चिनाब, झेलम नदियों का पानी मिलेगा. वहीं, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया. इसी के तहत बगलिहार बांध के जरिए पाकिस्तान की ओर से जाने वाले चिनाब नदी के जल प्रवाह को रोक दिया गया है.