नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना ने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया है. इस दौरान परिवार के साथ यात्रा पर पहुंचे रायपुर के व्यवसायी दिनेश मीरानिया की आतंकवादियों ने सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी वह भी उनकी 13 वर्षीय बेटी के सामने. इस्लामी आतंकियों ने गोली उनके माथे में मारी क्योंकि वह ‘कलमा’ नहीं पढ़ पाए. इस घटना ने सम्पूर्ण हिन्दू समाज के दिल में गहरा जख्म दिया है. यह निर्ममता न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि हिन्दू समाज की धार्मिक अस्मिता पर किया गया हमला है, जिसकी गूंज अब साधु-संतों की चेतावनी में भी सुनाई दे रही है.
“लड़की सामने खड़ी थी, और उसके सामने ही उसके पिता को गोली मार दी गई”
पुज्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज जो सदैव शांति और अहिंसा के उपदेश देते आए हैं, इस घटना से इस कदर व्यथित हैं कि उन्होंने पहली बार खुले तौर पर ‘युद्ध’ का आह्वान किया है. उन्होंने उस हृदय विदारक क्षण का उल्लेख करते हुए कहा, “वो लड़की सामने खड़ी थी, और उसके सामने ही उसके पिता को गोली मार दी गई. उन्होंने कहा वो मसूम लोगों से पूछती रही क्या माथे में गोली लगने के बाद पिता की जिंदगी को बचाया जा सकता है?” गोस्वामी जी ने पीड़ित बच्ची का जिक्र करते हुए इसे सभ्यता और धर्म के खिलाफ घोषित युद्ध बताया.
Pujya Indresh Upadhyay Maharaj who never spoken about violence in his entire life, has now called for war
Modiji it’s time to start the wαr🙏🏻 pic.twitter.com/dYbcPwJQQ8
— Voice of Hindus (@Warlock_Shubh) April 27, 2025
कलमा ना पढ़ पाने पर उतारा मौत के घाट
बता दें, 22 अप्रैल 2025 को यह हमला दिन में बैसरन के घास के मैदान में हुआ, जहां दिनेश मीरानिया का परिवार गुलमर्ग जाने से पहले कुछ समय बिता रहा था. 18 वर्षीय बेटे शौर्य के मुताबिक, उसकी बहन ज़िपलाइन पर जाना चाहती थी लेकिन डर के कारण वह ट्रैम्पोलिन के पास चली गई, जहां दिनेश खड़े थे. तभी आतंकवादी वहां आए और दिनेश को ‘कलमा’ पढ़ने को कहा. जैसे ही उन्होंने टोपी और चश्मा हटाया, उन्हें गोली मार दी गई.
बेटा कुछ समझ पाता तबतक उसके चेहरे पर खून के छीटे पड़े
बलिदानी दिनेश मीरानिया के बेटे शौर्य ने बताया कि जब हमला हुआ, वह फूड काउंटर पर था. गोली चलने की आवाज पहले उसे भ्रमित कर गई, लेकिन तुरंत उसके पास खड़े एक व्यक्ति को गोली लगी और उसका खून शौर्य के चेहरे पर गिर पड़ा. वह किसी तरह टेबल के नीचे छिपा और रेंगते हुए मैदान से बाहर निकला, जहां टट्टू ऑपरेटर ने उसकी मदद की और दोनों भागकर नीचे पहुंचे.