लखनऊ: उत्तर प्रदेश जो कभी अपने पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है. यूपी अब न केवल भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि इसके विकास मॉडल ने अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श स्थापित किया है. उत्तर प्रदेश ने 67 वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए 2023-24 में भारत की GDP वृद्धि दर 9.6% रही, जबकि उत्तर प्रदेश ने इस दौरान 11.6% की उच्चतम वृद्धि दर प्राप्त की. इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद उत्तर प्रदेश अब देश में पहले स्थान पर है. इसपर कह सकते हैं कि यूपी अब विकास की दौड़ में सबसे आगे है.
बता दें, CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को जबरदस्त गति दी है. 1950 से लेकर 2017 तक, राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 12.75 लाख करोड़ रुपये तक ही सीमित था. लेकिन योगी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा 2024-25 तक 27.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है. इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश ने 30.77 लाख करोड़ रुपये का GSDP लक्ष्य निर्धारित किया है. यह आंकड़ा प्रदेश की नई और तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को दर्शाता है.
यूपी अब भारत के नए और उभरते आर्थिक सेंटर के रूप में आ रहा सामने
प्रदेश के विकास में सबसे बड़ा योगदान CM योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों और मजबूत नेतृत्व का है. पिछले कई दशकों से उत्तर प्रदेश विकास के मामले में पीछे था, लेकिन अब UP भारत के नए और उभरते आर्थिक सेंटर के रूप में सामने आ रहा है. योगी सरकार की नीतियों ने न केवल प्रदेश के सामाजिक और बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, बल्कि राज्य के औद्योगिक और व्यापारिक वातावरण को भी बेहतर बनाया है.
कानून व्यवस्था से व्यापार का विकास: IIA की सराहना
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) ने CM योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था की सराहना की है और इसे प्रदेश में व्यापार के लिए संजीवनी बताया है. IIA के अनुसार, प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुधार एक महत्वपूर्ण कारण है कि व्यापारियों को यहां सुरक्षित और स्थिर माहौल मिल रहा है. योगी सरकार की सख्त कानून व्यवस्था की वजह से राज्य में अपराध दर कम हुई है, जो न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक बड़ी राहत है. IIA के अनुसार इसके परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में व्यापारियों का विश्वास बढ़ा है और विदेशी निवेशकों का रुझान भी यहाँ बढ़ा है. अब राज्य व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक आकर्षक और सुरक्षित स्थान बन चुका है.
उद्योगों के लिए UPSIDA का ऐतिहासिक बजट और फैसले
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. 18 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) की 48वीं बोर्ड बैठक में 2025-26 के लिए 6190 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया. इस बजट से प्रदेश के औद्योगिक ढांचे को मजबूत किया जाएगा और नए निवेशों को आकर्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है. UPSIDA के अधिकारियों का कहना है कि इस बजट से प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और साथ ही यह युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा.
औद्योगिक क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटने का निर्णय
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटने का निर्णय लिया गया है, जिसमें अति तीव्र, तीव्र और मंद गति शामिल हैं. मंद गति वाले क्षेत्रों में निवेशकों के लिए विशेष भुगतान योजना लागू की जाएगी, जिससे उन्हें उद्योग लगाने में आसानी होगी और खाली पड़ी जमीन का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा. इसके अलावा, योगी सरकार ने छह पुरानी कताई मिलों को फिर से औद्योगिक उपयोग के लिए खोलने का भी फैसला किया है. इससे न केवल पुराने उद्योगों को नया जीवन मिलेगा, बल्कि नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे.
NOC प्रक्रिया में तेजी: यूपी में उद्योगों के लिए नया युग
इसके साथ ही CM योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के पुनर्गठन और उद्योगों के लिए पर्यावरण संबंधित अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की प्रक्रिया में तेजी लाने की घोषणा की है. सरकार ने यह फैसला किया है कि अब प्रदेश के सभी जिलों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय खोले जाएंगे, जिससे उद्यमियों के लिए अनापत्ति आवेदन की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी.
CM योगी ने कहा कि NOC देने की समय सीमा को घटाकर 120 दिनों से 40, 25, और 10 दिनों में किया जाएगा, जो कि उद्यमियों के लिए बड़ी राहत का कारण बनेगा. यह कदम प्रदेश में उद्योगों के विकास को और अधिक प्रोत्साहित करेगा और उत्तर प्रदेश को उद्योग लगाने के लिए एक और आकर्षक स्थान बना देगा.
योगी सरकार ने UP को विकास के मामले में एक नई दिशा दी
कह सकते हैं सरकार की ये नीतियां और बड़े बदलाव आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश ने 30.77 लाख करोड़ रुपये का GSDP लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होंगे. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को विकास के मामले में एक नई दिशा दी है. यूपी का नया आर्थिक मॉडल राज्य को एक नए स्तर पर ले जाने के साथ ही आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को भारत के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में शामिल कराएगा.