लखनऊ: वक्फ बोर्ड के नाम पर सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े की एक नई और चौंकाने वाली स्कीम सामने आई है, जिससे यह साफ़ हो गया है कि किस तरह धर्म के नाम पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है. बरेली में एक ऐसे ही मामले में वक्फ कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है, जहां सरकारी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में रजिस्टर करा लिया गया था. मामला सीबीगंज थाना क्षेत्र के सरनिया गांव का है, जहां एक फर्जी ट्रस्ट के माध्यम से सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया गया.
वक्फ संपत्ति के नाम पर फर्जी ट्रस्ट का निर्माण
यहाँ पहले, झाड़-फूंक करने वाले एक व्यक्ति को सरकारी जमीन पर बैठा दिया गया. जब उस व्यक्ति की मौत हो गई, तो उसी जगह एक मजार बन गई और धीरे-धीरे यह जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नाम रजिस्टर हो गई. इस योजना को अंजाम दिया गया सैय्यद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट के गठन के जरिए, जो पूरी तरह से फर्जी था.
मामले में आरोप है कि 24 नवंबर 2020 को एक झूठे ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन किया गया, जिसमें सब्जे अली ने अपनी पत्नी और बच्चों को ट्रस्टी बना लिया था. इस फर्जी ट्रस्ट के माध्यम से उस जमीन पर झाड़-फूंक का काम शुरू किया गया और लोगों से पैसे वसूले जाने लगे. जब पुत्तन शाह नामक एक स्थानीय निवासी ने इसका विरोध किया, तो उन्हें पीटा भी गया जिससे वो घायल हो गए.
सरकारी जमीन पर कब्रिस्तान के नाम पर कब्जा
पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की, तो राजस्व विभाग ने पुष्टि की कि कब्जा की गई जमीन दरअसल सरकारी कब्रिस्तान की तीन बीघा ज़मीन थी. यह पहला मामला है जब वक्फ कानून के तहत सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस ने कुल 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. आरोपियों में सब्जे अली, उनकी पत्नी जकीरा, उनके बच्चे और अन्य शामिल हैं.
गाजियाबाद में सरकारी जमीन पर कब्जा: 400 से अधिक नोटिस जारी
वहीं, गाजियाबाद प्रशासन ने भी वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़े को लेकर गंभीर कदम उठाए हैं. प्रशासन ने 400 से ज्यादा नोटिस जारी किए हैं, ताकि वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जाई गई सरकारी जमीनों को खाली कराया जा सके. हाल ही में हुए सर्वे में यह पता चला कि गाजियाबाद जिले में 445 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा था, जिसमें से कई संपत्तियों को मुतवल्लियों ने बेच दिया या फिर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. प्रशासन ने साफ किया है कि यदि इन संपत्तियों को खाली नहीं किया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सरकार ने शुरू कीा वक्फ संपत्तियों का सर्वे
‘वहीं, यूपी की योगी सरकार ने वक्फ संपत्तियों का एक सर्वे भी शुरू किया है, विभिन्न जिलों से आई रिपोर्ट्स के अनुसार, वक्फ संपत्तियों को धार्मिक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन इन संपत्तियों पर मकान और दुकानें बना दी गई हैं. शासन को मिली रिपोर्ट के अनुसार, 761 वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. इन संपत्तियों का इस्तेमाल पहले तय किए गए धार्मिक कार्यों के लिए नहीं, बल्कि व्यावसायिक या अन्य निजी उद्देश्यों के लिए किया गया है.
जिलों से अब तक कुल 2528 वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट शासन को मिली है, जिनमें से 761 संपत्तियों पर गड़बड़ी पाई गई. इन संपत्तियों में कई जगहों पर अवैध निर्माण हुए हैं, जैसे कि दुकानों और मकानों का निर्माण.
राज्यभर में सामने आईं अनियमितताएं
चंदौली, मुजफ्फरनगर, अमेठी, इटावा, बागपत, और अन्य जिलों में भी वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग की घटनाएं सामने आई हैं. उदाहरण के तौर पर, अमेठी में छह संपत्तियों का गलत उपयोग हो रहा है, जबकि बागपत में 44 में से चार संपत्तियों का इस्तेमाल गैरकानूनी रूप से किया जा रहा है. शासन ने इन संपत्तियों के मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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