लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना की राशि को बढ़ाने का ऐलान किया है. समाज कल्याण विभाग की ओर से इस योजना के तहत दुल्हन के खाते में आने वाली अनुदान की रकम को दोगुना कर दिया गया है. दुल्हन के खाते में 51,000 की जगह अब 1 लाख रुपए की अनुदान राशि आएगी. इसके साथ ही विधवा पुनर्विवाह और विधवाओं की बेटियों की शादी के लिए भी आर्थिक सहायता की राशि को बढ़ाया गया है.
दरअसल, प्रदेश की योगी सरकार ओर से सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों और बेसहारा लडकियों की शादी के लिए उन्हें सहायता के रूप में अनुदान की रकम दी जाती है, जिससे वे अपनी नई गृहस्थी शुरू कर सकें. इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना की अनुदान राशि को दोगुना करने की घोषणा की है. वहीं, समाज कल्याण विभाग की ओर से व्यक्तिगत शादी करने वाली सामान्य जाति की लड़कियों को फिर से 20 हजार रुपए का अनुदान दिए जाने की बात कही जा रही है.
योजना की शुरुआत और दी जाने वाली अनुदान की रकम-
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत अक्टूबर, 2017 में हुई थी. इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. इसके तहत, अलग-अलग जाति, धर्मों और समुदायों के रीति-रिवाजों के मुताबिक शादियां होती हैं. इस योजना की शुरुआत में प्रदेशभर में करीब 67,155 लाभार्थियों को अनुदान का पैसा दिया गया था, जबकि 94,663 शादियां कराई गई थीं. उत्तर प्रदेश सरकार के पास इय योजना को लेकर करीबह 1,67,461 आवेदन आए थे, जिसमें से लगभग 32,668 लोगों के आवेदन को ठुकराया भी गया था.
प्रत्येक वर्ष दी जाने वाली राशि-
साल 2017 में इस योजना की शुरुआत में 3 करोड़ 96 लाख रुपए कन्याओं के खाते में ट्रांसफर किए गए थे. उसके बाद 2018 में 4 करोड़ 62 लाख, 2019 में 4 करोड़ 96 लाख, 2020 में 5 करोड़ 37 लाख और 2021 में 3 करोड़ 15 लाख रुपए सामूहिक विवाह योजना के तहत कन्याओं के खाते में ट्रांसफर किए गए. उसके बाद 2021 में ही 6 करोड़ 15 लाख, 2022 में 7 करोड़ 35 लाख, 2023 में 5 करोड़ 35 लाख और 2024 में 6 करोड़ 34 लाख की अनुदान राशि कन्याओं के खाते में हस्तांतरित किया गया.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य-
प्रदेश की योगी सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मकसद शादी में फिजूलखर्ची को रोकना है. साथ ही गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत सभी जाति, धर्मों और समुदायों के रीति-रिवाजों के अनुसार सामूहिक विवाह समारोह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सामाजिक एकता और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए 2017 के अक्टूबर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों और बेसहारा बेटियों की शादी सरकारी खर्चे पर करवाती है.
किसे मिलता है इय योजना का लाभ?-
इस योजना के तहत उन परिवारों को पात्र माना जाता है, जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है. इस योजना का लाभ लेने के लिए शामिल होने कम से कम 10 जोड़ों का सामूहिक विवाह होना आवश्यक है. इससे पहले दुल्हन के बैंक खाते में 51,000 रुपये की अनुदान की राशि आती थी, जिसे दोगुनाकर अब 1 लाख रुपए कर दिया गया है. ये राशि शादी के खर्च, कपड़े, आभूषण, बर्तन और गृहस्थी शुरू करने के लिए दी जाती है. सामूहिक विवाह कार्यक्रम नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर आयोजित किए जाते हैं.