बरेली: जिले में एक मुस्लिम युवती ने अपने हिंदू प्रेमी के साथ सनातन रीति-रिवाजों से शादी कर ली है. युवती ने मंत्रोच्चार के साथ अपने प्रेमी संग 7 फेरे भी लिए. युवती का कहना है कि वो ये शादी अपनी मनमर्जी से कर रही है. ये शादी बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में हुई है. विवाह से पहले युवती ने आश्रम में पहले खुद की सनातन धर्म में वापसी कराई. इससे पहले फर्रुखाबाद, बस्ती औऱ सीतापुर में मुस्लिय युवतियों ने घर वापसी कर अपने हिंदू प्रेमियों शादी की है.
अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र की रहने वाली एक मुस्लिम युवती सनातन धर्म में वापसी की है. उसने बरेली के शाही कस्बे के रहने वाले अपने प्रेमी राजेश के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली है. शादी बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में हुई, जहां मौजूद संतों ने पहले युवती का शुद्धिकरण कराया और फिर हिंदू रीति-रिवाज से दोनों का विवाह संपन्न कराया. इस मौके पर आश्रम के महंत केके शंखधार ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया. वहीं, सनातन धर्म में वापसी करने के बाद अब वो लोगों को अपना नाम ‘रूबी’ बताती है.
‘तीन तलाक, हलाला और बुर्का पहनना नहीं था पसंद’-
शादी के बाद रूबी ने खुद का वीडियो भी जारी किया है. वीडियो में उसने कहा कि ‘मैंने ये शादी अपनी मर्जी से किया है. मुझे तीन तलाक की प्रथा और हलाला जैसी परंपरा और बुर्का पहनना जरा भी पसंद नहीं था. मुझे सनातन धर्म से पहले से ही लगाव था. वहीं, रूबी ने प्रशासन को शपथ पत्र सौंप कर बताया कि वो स्वेच्छा से सनातन धर्म अपना रही है.
पुलिस से लगाई अपनी और पति की सुरक्षा की गुहार-
रूबी ने वीडियो में ये भी बताया कि राजेश के दोस्त का घर उसके गांव में है. ऐसे में वो अपने दोस्त के घर आया करता था. इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी. फिर धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और दोस्ती हो गई. उसके बाद दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई उन्हें भी नहीं पता चला. वहीं, अपने प्रेमी राजेश से शादी करने के बाद रूबी ने पुलिस से अपनी और अपने पति राजेश की सुरक्षा की हुहार भी लगाई है.
इन जिलों की मुस्लिय युवतियां भी कर चुकी हैं हिंदू प्रेमी संग विवाह-
इससे पहले 9 अप्रैल को फर्रुखाबाद में सबीना नाम की एक मुस्लिम युवती ने अपने शौहर सद्दाम को छोड़कर हिंदू प्रेमी से शादी रचा ली थी. अपना धर्म परिवर्तन करवाकर खुद का नाम सबीना से ‘सुमन’ रख लिया था. सबीना का कहना था कि उसके पूर्वज पहले हिंदू थे. इसी वजह से उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर घर वापसी की है. वहीं, 24 मार्च को बस्ती में दो मुस्लिम युवतियों ने हिंदू धर्म अपनाकर शादी रचाई थी.
सलाया खातून नाम की पहली लड़की ने दीपक नाम के युवक से शादी की थी और अपना नाम बदलकर शैलजा रख लिया था, जबकि जेबा खातून दूसरी मुस्लिम युवती ने भी हिंदू धर्म अपना कर खुद का नाम श्रेया रख लिया था. एक तीसरा मामला सीतापुर से 8 मार्च को सामने आया था. यहां मोहसिना नाम की मुस्लिम युवती ने घर वापसी की थी. उसके बाद उसने अपने प्रेमी अमन के साथ काली माता मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली थी. शादी के बाद मोहसिना ने अपना नाम बदलकर चांदनी रख लिया था.
क्या होती है घर वापसी?-
“घर वापसी” भारत में इस्लाम, ईसाई और अन्य धर्मों से हिंदू धर्म में धार्मिक रूपांतरण का कार्यक्रम है, जो भारतीय हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों जैसे- विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओऱ से चलाया जा रहा है. घर वापसी शब्द हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़ा है कि भारत के सभी लोग पैतृक रूप से हिंदू हैं और इसलिए, हिंदू धर्म में मतांतरण उनके पैतृक जड़ों की ओर “घर वापसी” कहलाता है. ये कार्यक्रम 2014 से सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा किया है कि ये अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक देश में अन्य धर्मों में धर्मांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लग जाता.