नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने सभी लोकसभा सांसदों को 2 अप्रैल को संसद में उपस्थित रहने के लिए 3 लाइन का व्हिप जारी किया है. कहा जा रहा है कि 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार-विमर्श और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा. वक्फ संशोधन बिल को प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा और इसके लिए 8 घंटे चर्चा का समय निर्धारित किया गया है.
विपक्ष का विरोध और सरकार की प्रतिक्रिया
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के फैसले के बाद विपक्ष ने चर्चा के समय को बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की. आज कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को अनदेखा कर अपने एजेंडे को थोपने की कोशिश कर रही है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस बिल का विरोध करने की घोषणा की. संसद में हंगामे के बाद, स्पीकर ने कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
वक्फ बिल को लेकर UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा हर अच्छे काम का विरोध होता है, इसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक पर भी हंगामा हो रहा है, जो लोग इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं…क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों का भी कोई कल्याण किया है? वक्फ सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जे का माध्यम बन गया है.
BJP issues whip to all Lok Sabha MPs to be present in Parliament tomorrow, 2nd April.
On 2nd April, Waqf Amendment Bill will be introduced for consideration and passing. pic.twitter.com/8coAnUDpyg
— ANI (@ANI) April 1, 2025
वक्फ बोर्ड एक्ट में मोदी सरकार के प्रस्तावित बदलाव:
वक्फ संशोधन बिल में करीब 40 बड़े बदलावों की योजना बनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक, इन बदलावों के पीछे सरकार की 5 प्रमुख वजहें हैं –
- वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों का समावेश: अब वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे और बोर्ड का CEO भी गैर-मुस्लिम हो सकता है. यह कदम वक्फ बोर्ड की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने की दिशा में है.
- महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदायों की भागीदारी: वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रस्ताव है, और बोहरा और आगाखानी मुस्लिम समुदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया गया है.
- पारदर्शिता के साथ सरकार का कंट्रोल बढ़ाना: नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण बढ़ेगा. इसमें बोर्ड के मैनेजमेंट में गैर-मुस्लिम विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा और वक्फ के ऑडिट को पारदर्शी बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
- वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन: वक्फ संपत्तियों को जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होगा, जिससे संपत्ति के मालिकाना हक की जांच की जा सके और वक्फ जमीनों में पारदर्शिता आएगी.
- न्याय के लिए अदालत का रास्ता: नए विधेयक के मुताबिक वक्फ ट्रिब्यूनल में अब दो सदस्य होंगे और इस ट्रिब्यूनल के फैसले को 90 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी. साथ ही, जमीन पर वक्फ के दावे का विरोध करने वाले व्यक्ति पर यह जिम्मेदारी होगी कि वह साबित करें कि यह जमीन उनकी है.
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