अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में रामनवमी की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. शहरभर में रंगीन लाइटें लगाई जा रही हैं. साथ ही सभी मठ और मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. उधर, भगवान रामलला का सूर्य किरण का अभिषेक करने की सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. मंदिर प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है कि रामनवमी से भगवान राम का सूर्य किरण से अभिषेक करने की तैयारी स्थायी कर दी जाएगी.
दरअसल, इस बार राम जन्मोत्सव पर रामलला के सूर्य तिलक की स्थायी व्यवस्था की जा रही है. इसके बाद लगातार अगले 20 सालों तक रामजन्मोत्सव पर सूर्य की किरणें भगवान के ललाट पर लाई जाएगी. सूर्य तिलक के लिए मंदिर के शिखर से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा. इसके लिए खास तरह के लेंस और शीशे लगाए जा रहे हैं. इस व्यवस्था को स्थायी करने के लिए रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम अयोध्या पहुंच चुकी है.
वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक के लिए उपकरण लगाने का काम शुरू कर दिया है. वैज्ञानिकों के का कहना है कि अगले 19 सालों तक सूर्य तिलक का समय हर साल परिवर्तित होता रहेगा. ये व्यवस्था अगले 20 सालों तक स्थायी रहेगी. इसका प्रोग्राम कंप्यूटर में फीड कर लिया गया है. अब आगे से आने वाले प्रत्येक वर्ष की रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक देश और दुनिया देख सकेगी.
बता दें कि सूर्य तिलक के उपकरण को IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने एक खास ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम से तैयार किया है. इसमें मंदिर के तीसरे तल पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी. दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर ये किरणें एक पीतल के पाइप में जाएंगी. पाइप के छोर पर एक दूसरे दर्पण से सूर्य किरणें एक बार फिर से परावर्तित होंगी और पीतल की पाइप के साथ 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी. दूसरी बार परावर्तित होने के बाद सूर्य किरणें लंबवत दिशा में नीचे की ओर चलेंगी.
वहीं, किरणों के इस रास्ते में एक के बाद एक तीन लेंस पड़ेंगे, जिनसे इनकी तीव्रता और बढ़ जाएगी. इसके बाद लंबवत पाइप के दूसरे छोर पर लगे दर्पण पर किरणें पड़ेंगी और दोबारा 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी. फिर 90 डिग्री पर मुड़ी ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक के बीचोंबीच पर पड़ेंगी और इस तरह से भगवान रामलला का सूर्य तिलक पूरा हो होगा.