लखनऊ; मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सत्ता संभालते ही भूमाफियाओें के लिखाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अभियान छेड़ा था. इसी के तहत प्रदेश भर में लगातार सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. अब तक पूरे प्रदेश में भूफियाओं के कब्जे से 68 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है.
कब्जा मुक्त जमीनों पर दोबारा कब्जा न हो
वहीं, कब्जा मुक्त जमीनों पर दोबारा कब्जा न हो, इसके लिए श्रावस्ती में अभिनव पहल की गयी है. मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप श्रावस्ती के जिलाधिकारी ने सरकारी जमीन की पहचान कर उस पर शिलापट्ट ‘पट्टिका’ लगाने की प्रक्रिया शुरू की है. इस पर भूमि का पूरा विवरण दर्ज होगा. श्रावस्ती की पहल पूरे प्रदेश के लिए रोल मॉडल बनेगी.
खाली सरकारी जमीनों पर लगाए जा रहे शिलापट्ट
श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में जिले की सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत अब खाली सरकारी जमीनों पर शिलापट्ट लगाए जा रहे हैं. उसमें स्पष्ट किया गया है कि यह भूमि सरकारी स्वामित्व की है. इस पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा करने वालों के लिए खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि 397 ग्राम पंचायतों में तमाम ऐसी सरकारी भूमि है, जिसकी जानकारी सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. जिलाधिकारी ने बताया कि शिलापट्ट में उस भूमि का प्रकार, भूमि की श्रेणी, रकबा, ग्राम सभा व गाटा संख्या आदि दर्ज होगा, जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा गलत ढंग से उस जमीन पर मालिकाना हक जताने की संभावनाओं को खत्म किया जा सके.
शिलापट हटाने पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि श्रावस्ती की तीन तहसीलों इकौना, जमुनहा और भिनगा में कुल सरकारी गाटों की संख्या 1,49,239 हैं। इन गाटों का कुल क्षेत्रफल 26650.8177 हेक्टेयर है. उन्होंने बताया कि सरकारी भूमि पर लगा शिलापट हटाने का कोई प्रयास करता है या फिर भूमि के साथ छेड़छाड़ व कब्जे का प्रयास करता है तो संबंधित के खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
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साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा. शिलापट लगने से एक ओर जहां सरकारी जमीनों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित होगी. वहीं, दूसरी ओर लोगों में भी जागरूकता आएगी कि ये जमीनें सरकार की संपत्ति हैं, और इन पर कब्जा करना गैरकानूनी है.