लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाएगी. हालांकि शिक्षामित्रों की मर्जी के मुताबिक उनको ट्रंस्फर मिल सकेगा. ये जानकारी यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधासभा सदन में बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय न बढ़ाकर ये सुविधा दी जाएगी.
दरअसल, सपा विधायक राकेश वर्मा ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से सवाल किया था, जिसका जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह कहा कि हम शिक्षामित्रों को मर्जी अनुसार उनका ट्रांसफर कर देंगे. इस पर सपा विधायक राकेश वर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि शिक्षा मित्रों को जितना मानदेय मिलता है. सपा विधायक की ऐसे टिप्पणी को लेकर सदन में उपस्थित बीजेपी के विधायक उनसे माफी मांगने को कहने लगे.
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि साल 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तब शिक्षामित्रों का मानदेय करीब साढ़े 3 हजार रुपए था. आज आठ साल के कार्यकाल में उनके मानदेय को बढ़ाकर 10 हजार रुपए तक कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी शिक्षामित्रों के मानदेय में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं होने वाली है. हालांकि उनके लिए राहत की बात ये है कि अगले शिक्षा सत्र में उनका ट्रांस्फर उनके मन मुताबिक जरूर किया जाएगा.
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वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश वर्मा ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार को दिल्ली जैसे स्कूल स्थापित करने चाहिए. जैसे दिल्ली में शिक्षा की व्यवस्था की गई है वैसी ही व्यवस्था यूपी में भी होनी चाहिए. इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 13,050 सरकारी बेसिक स्कूल अंग्रेजी मीडियम के हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब नई शिक्षा नीति में अंग्रेजी केवल विषय के तौर पर ही पढ़ाई जाएगी.