प्रयागराज: महाकुंभ मेला का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व पर आखिरी स्नान के बाद हो जाएगा. मेला प्रशासन ने महाशिवरात्री और महाकुंभ के समापन वाले दिन करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम स्नान करने का अनुमान जताया है. वहीं, जिला और मेला प्रशासन की ओर से संगम घाटों की सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ भी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को लगातार निर्देश दे रहे हैं कि महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न होने पाए.
महाकुंभ में महाशिवरात्रि का आखिरी स्नान होना है. इस मौके पर त्रिवेणी की जलधारा में आस्था का स्नान करने के लिए लाखों साधु-संत, महंत और शिव भक्त भक्त महाशिवरात्रि का स्नान के लिए महाकुंभ पहुंचेंगे. वहीं, आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जब महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर वो महाकुंभ पहुंच कर आस्था की डुबकी लगाएंगे, तब उनके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे. साथ ही मृत्यु के बाद शिवलोक की प्राप्ति होगी.
इस बार के महाकुंभ मेले में भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में होता है. प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ को महाकुंभ कहा जाता है. वहीं, इस बार के महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई थी. तबसे लेकर अब तक देश-विदेश से आए करीब 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी की पवित्र और पावन जलधारा में आस्था का स्नान कर चुके हैं. अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा. वहीं, प्रयागराज के बाद अब अगला कुंभ मेला नासिक में आयोजित किया जाएगा.
वहीं, ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के मुताबिक फाल्गुन कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 फरवरी की सुबह 9.19 बजे तक पड़ रही है. इसके बाद चतुर्दशी की तिथि की शुरुआत हो जाएगी. चुतर्दशी की ये तिथी 27 फरवरी की सुबह 8.08 बजे तक रहेगी. चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का योग बन रहा है. ऐसे में उस तारीख पर श्रवण नक्षत्र शाम 4.10 तक है. इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र लग जाएगा. उन्होंने बताया कि मकर राशि में चंद्रमा और कुंभ राशि के सूर्य, शनि और बुध संचरण करेंगे. ये सभी मिलकर अमृत के समान योग बना रहे हैं.